
Little bird can be cause of flight crash
प्लेन क्रैश (Plane Crash) के मामलों में पिछले कुछ समय में दुनियाभर में ही इजाफा हुआ है। बीते कुछ महीनों में इस तरह के कई हादसे देखने को मिले हैं। अगर पिछले कुछ दिनों पर ही गौर किया जाए, तो 25 दिसंबर को कज़ाकिस्तान (Kazakhstan) के अक्ताऊ (Aktau) शहर के पास हुए प्लेन क्रैश में 38 लोगों की मौत हो गई थी। फिर 29 दिसंबर को साउथ कोरिया (South Korea) के मुआन (Muan) में प्लेन क्रैश का मामला सामने आया, जिसमें 179 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इसके बाद 2 जनवरी को अमेरिका (United States Of America) के कैलिफोर्निया (California) राज्य के फुलर्टन (Fullerton) शहर में हुए प्लेन क्रैश में 2 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। साउथ कोरिया विमान हादसे में एक चीज़ ने सभी को हैरान कर दिया और वो है हादसे का संभावित कारण। जांच में पता चला कि पक्षियों के झुंड के टकराने की वजह से यह विमान हादसा हुआ।
बर्ड स्ट्राइक (Bird Strike), यानी कि विमान से पक्षियों की टक्कर बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। यह विमान सुरक्षा के लिए सबसे सामान्य लेकिन गंभीर खतरों में से एक है। बर्ड स्ट्राइक ज्यादातर टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान ही होती है। हालांकि हर बर्ड स्ट्राइक घातक नहीं होती. लेकिन कुछ मामलों में यह बड़े हादसों का कारण बन सकती है।
जब पक्षी विमान के ढांचे से टकराते हैं, तो आमतौर पर यह गंभीर समस्या नहीं होती। लेकिन अगर पक्षी विमान के इंजन में घुस जाएं जो इसके विंग पर होता है, तो इससे इंजन को नुकसान पहुंच सकता है। इससे थ्रस्ट (गति) की कमी और कंट्रोल में कठिनाई हो सकती है। इंजन में पक्षियों के फंसने से इंजन की फैन ब्लेड्स को भारी नुकसान हो सकता है। इससे इंजन फेल हो सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि छोटी सी चिड़िया (Little Bird) भी विमान के लिए उड़ता बम बन सकती है।
एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों की मौजदूगी बर्ड स्ट्राइक की सबसे बड़ी वजह है। मानसून के दौरान पानी के जमाव और कीड़ों की बढ़ती संख्या पक्षियों को इन इलाकों में आकर्षित करती है। इसके अलावा एयरपोर्ट के पास कूड़े के ढेर या लैंडफिल साइट्स भी पक्षियों की गतिविधि को बढ़ा सकते हैं। 2019 में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हर 10,000 उड़ानों में 11 वाइल्डलाइफ स्ट्राइक की घटनाएं हुई। इसका एक बड़ा कारण कूड़े के ढेर को हटाने के बाद पक्षियों का बेतरतीब उड़ान भरना था।
आधुनिक विमानों पर गौर किया जाए, तो इनमें टर्बोफैन इंजन होते हैं। टर्बोफैन इंजन में पक्षियों के टकराने से गंभीर नुकसान हो सकता है। ऐसे में विमानों के इंजन निर्माता इसकी सुरक्षा जांच के लिए तेज़ गति से चल रहे इंजन पर जमी हुई (फ्रोज़न) मुर्गी को फायर करके परीक्षण किया जाता है।
Published on:
06 Jan 2025 02:15 pm
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