
लॉस एंजिल्स के रंगबिरंगे जंगली तोते। ( फोटो: X Handle/ Lynn Barber Ison.)
Los Angeles Wild Parrots: अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में रंग-बिरंगे तोतों का राज (LA Wild Parrots) चल रहा है। ये तोते मैक्सिको और दक्षिण अमेरिका से पालतू के तौर पर आए थे, लेकिन अब ये (Red Crowned Parrots) शहर की सड़कों और पेड़ों पर स्वतंत्र घूमते हुए नजर आते हैं। वैज्ञानिक इन्हें 'शहरी जंगल के राजा' कह रहे हैं। इनकी चहचहाहट पासाडेना और मालिबू जैसे इलाकों में सुनाई देती है, जो शहर को ट्रॉपिकल टच देती है। ऑक्सिडेंटल कॉलेज के मूर लैबोरेटरी में रिसर्चर जॉन मैककॉर्मैक और डिएगो ब्लैंको जैसे विशेषज्ञ इनके रहस्य समझने में जुटे हुए हैं। ये तोते न सिर्फ जीवंत हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए एक सबक (Feral Parrots Conservation) भी सिखा रहे हैं।
इन तोतों की कहानी 1970 के दशक से शुरू होती है। तब पेट ट्रेड में ये बड़े पैमाने पर आयात होते थे। इन्हें सेलिब्रिटी भी पसंद करते थे। लेकिन एक पेट स्टोर में आग लगने जैसी घटनाओं में कई तोते आजाद हो गए। पहले वैज्ञानिक इन्हें बाहरी प्रजाति मान कर नजरअंदाज करते थे। लेकिन अब ये शहर में घुल-मिल गए हैं। एक दिलचस्प किस्सा है – एक हाइब्रिड तोता कॉलेज की लाइब्रेरी की खिड़की से टकरा कर मर गया। इसकी जांच से पता चला कि ये मैक्सिको में कभी न देखे गए मिश्रित जीन वाले थे। आज अमेरिका के 23 राज्यों में 25 तोता प्रजातियां खुद को संभाल रही हैं।
अभी लॉस एंजिल्स में इनकी तादाद हजारों में है। एक स्टडी के मुताबिक रेड-क्राउन तोते ही 3,000 से ज्यादा हैं, जो कम आंकड़ा माना जा रहा। लिलैक-क्राउन, येलो-क्राउन और नंदाय पैराकीट्स भी शामिल हैं। ये पाम ट्री और टेलीफोन पोल पर झुंड बना कर रहते हैं। रिसर्च में 40-50 तोतों के जीन टेस्ट से पता चला कि शहरी गर्मी, अलग पेड़ और बारिश के अनुकूलन हो चुके हैं। हाइब्रिड्स भी बन रहे, जहां अलग-अलग प्रजातियां मिल कर नई बनावट दे रही हैं। ये शहर की जैव विविधता को रंगीन बना रहे हैं।
संरक्षण के लिए बड़े प्रयास चल रहे हैं। मूर लैबोरेटरी में 100 साल पुराने मैक्सिकन तोतों के नमूनों से तुलना हो रही है। फ्लैप प्रोजेक्ट (फ्री-फ्लाइंग लॉस एंजिल्स पैरट प्रोजेक्ट) मृत तोतों को इकट्ठा करता है, बशर्ते वे ज्यादा कीड़ों से न सने हों। नंदाय पैराकीट्स सांता मोनिका पहाड़ियों में साइकमोर पेड़ों पर खाना ढूंढ रहे हैं, और आगे सांता यनेस रेंज तक फैल सकते हैं। मैककॉर्मैक कहते हैं, "अगर जंगलों में ये लुप्त हो जाएं, तो शहर के तोतों से दोबारा बसाया जा सकता है।" कुछ वैज्ञानिक इन्हें सैंक्चुअरी स्टेटस देने की बात कर रहे, ताकि ये बाहरी न रहें।
बहरहाल चुनौतियां कम नहीं हैं। कैलिफोर्निया कानून इन्हें बेसिक प्रोटेक्शन ही देते हैं, क्रूरता रोकने वाले। 2023 में कई तोतों को जाल में फंसा कर मार दिया गया। शहरी बदलाव – पाम ट्री कटने पर घोंसले बनाने में मुश्किल पैदा हो गई। रिसर्चर जेनल ऑर्टिज पूछती हैं, "क्या ये दूसरे पेड़ों पर शिफ्ट हो पाएंगे?" इनकी तेज चीखें जंगल के लिए ठीक हैं, लेकिन ये शहर में शोर मचाती हैं। ऑडुबन सेंटर के डेनिस हेमेन कहते हैं, "थोड़े शोरगुल वाले, लेकिन प्यारे।" बाज नहीं, लेकिन हॉक्स से खतरा है।
Updated on:
16 Nov 2025 03:11 pm
Published on:
16 Nov 2025 03:10 pm
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