
Lost job for wearing sports shoes then got compensation worth 30 lakhs in London
Trending News: स्पोर्ट्स शूज पहनकर आने पर नौकरी से निकालना एक कंपनी को भारी पड़ गया और उसे 30 लाख का मुआवजा देना पड़ा। लंदन (London) में 20 वर्षीय लड़की एलिजाबेथ बेनासी ने 2022 में मैक्सिमस यूके सर्विसेज में काम शुरू किया था। कंपनी का ड्रेस कोड पता नहीं होने के चलते वो लड़की ट्रेनर (एक तरह के स्पोर्ट्स शूज) पहन कर काम पर चली गई। इसकी वजह से बेनासी को नौकरी से निकाल दिया गया।
लड़की का कहना था कि ऑफिस में दूसरे लोग भी इस तरह के जूते पहनकर काम पर आते थे। इसके बाद नौकरी से निकाली गई बेनासी ने दक्षिण लंदन के क्रॉयडन में एक रोजगार न्यायाधिकरण में इस बात की शिकायत दर्ज करवाई। जिसने बेनासी के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायाधिकरण ने इस केस में ये निष्कर्ष निकाला कि जिस कंपनी मेें लड़की काम करती थी, वो युवा कर्मचारी में सिर्फ गलतियां खोजने की ही इच्छा रखती थी। इसीलिए कंपनी ने लड़की को अपने ड्रेस कोड पॉलिसी को ठीक से नहीं बताया।
इस कंपनी में बेनासी ने सिर्फ तीन महीने की नौकरी की, इसके बाद बेनासी ने तर्क दिया कि उसे गलत तरीके से निशाना बनाया गया और उसके मैनेजर ने बेनासी के साथ एक छोटे बच्चे की तरह तर्क-वितर्क किया। बेनासी ने बताया कि ऑफिस में ज्यादातर लोग 20 साल की उम्र के आस-पास ही थे, लेकिन सबसे कम उम्र की होने के चलते इतनी ज्यादा जांच और मॉनिटरिंग का सामना करना पड़ा।
रोजगार न्यायाधिकरण के जज ने पाया कि जब बेनासी ऑफिस पहुंची को उसके स्पोर्ट्स शूज को लेकर गलत तरीके से सवाल किए गए जो कहीं से भी सही नहीं है। जज ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि लड़की ऑफिस में नई थी और शायद उसे कंपनी का ड्रेस कोड नहीं पता था। इसलिए सीधे उसे कंपनी से निकलना बहुत गलत था। ये कंपनी की गलतियां ढूंढने की इच्छा को दिखाता है।
हालांकि, ब्रिटेन के रोजगार और पेंशन विभाग के अधीन मैक्सिमस यूके सर्विसेज ने बेनासी के आरोपों को खारिज कर दिया था। लेकिन न्यायाधिकरण ने कंपनी को उत्पीड़न का दोषी पाया। कोर्ट ने कंपनी को नौकरी से निकाली गई लड़की बेनासी को 29,187 पाउंड (लगभग 31,34,642.94 रुपए) का मुआवजा देने के आदेश दिया। इस मामले ने ऑफिस में युवा कर्मचारियों के साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता है और उम्र के आधार पर ही भेदभाव की संभावना के बारे में एक बहस को छेड़ दिया है। कोर्ट ने नए कर्मचारियों के साथ निष्पक्ष और सम्मानजनक बर्ताव की जरूरतों पर जोर दिया है।
Published on:
29 Dec 2024 09:49 am
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