14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इन देशों में सेना की ट्रेनिंग है जरूरी, जानिए वजह और भारत का नाम शामिल या नहीं

Mandatory Military Service: दुनिया के 60–80 देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा और मजबूत रिजर्व फोर्स के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा लागू है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Devika Chatraj

Dec 14, 2025

सेना की ट्रेनिंग (AI Image)

Mandatory Military Service: दुनिया भर में कई देशों में अनिवार्य सैन्य सेवा (कंस्क्रिप्शन) का नियम लागू है। इस नियम के तहत नागरिकों को एक निश्चित उम्र में सेना में ट्रेनिंग और सेवा देनी अनिवार्य होती है। यह नियम मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा, मजबूत रिजर्व फोर्स बनाने और युवाओं में अनुशासन पैदा करने के लिए बनाया गया है। विशेष रूप से उन देशों में जहां भू-राजनीतिक खतरे ज्यादा हैं, यह नियम सख्ती से लागू होता है।

60 से 80 देशों में सैन्य सेवा अनिवार्य

वर्तमान में (2025 तक) करीब 60-80 देशों में किसी न किसी रूप में अनिवार्य सैन्य सेवा है। कुछ देशों में यह केवल पुरुषों के लिए है, जबकि कुछ में महिलाओं के लिए भी।

प्रमुख देश और उनके नियम

  • इजरायल: यहां पुरुषों के लिए 32 महीने और महिलाओं के लिए 24 महीने की सेवा अनिवार्य है। यह चारों तरफ दुश्मनों से घिरा होने के कारण मजबूत रक्षा की जरूरत। यह नियम 1948 से लागू है और राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में मदद करता है।
  • दक्षिण कोरिया: पुरुषों के लिए 18-21 महीने की सेवा जरूरी। उत्तर कोरिया से तनाव के कारण यह नियम सख्त है। K-पॉप स्टार्स जैसे सेलिब्रिटी भी इसमें छूट के साथ शामिल होते हैं।
  • उत्तर कोरिया: दुनिया में सबसे लंबी सेवा - पुरुषों के लिए 10 साल तक। महिलाओं के लिए भी अनिवार्य। पूरी तरह मिलिटराइज्ड सोसाइटी और राष्ट्रीय सुरक्षा।
  • नॉर्वे: दोनों लिंगों के लिए अनिवार्य, लेकिन सेलेक्टिव (केवल कुछ चुने जाते हैं)। सेवा 12-19 महीने। 2015 से महिलाओं को भी शामिल किया गया। मजबूत रिजर्व फोर्स और रूस से खतरे।
  • फिनलैंड: पुरुषों के लिए 6-12 महीने। रूस की सीमा से लगे होने के कारण रक्षा तैयारियां मजबूत रखने के लिए।
  • तुर्की: पुरुषों के लिए 6-12 महीने। पैसा देकर छूट का विकल्प भी।
  • ग्रीस और साइप्रस: लंबी सेवा, क्षेत्रीय तनाव के कारण।
  • यूएई, कतर, कुवैत: मध्य पूर्व में राष्ट्रीय पहचान और सुरक्षा के लिए।
  • ताइवान: चीन से खतरे के कारण 2024 से 1 साल की सेवा अनिवार्य।
  • एरिट्रिया: सबसे सख्त नियमों में से एक, सेवा अनिश्चित काल तक बढ़ सकती है।

क्यों बनाया गया यह नियम?

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विशेष रूप से छोटे या खतरे में घिरे देशों में बड़ी स्थायी सेना और प्रशिक्षित रिजर्व बल की आवश्यकता होती है। अनिवार्य सैन्य सेवा का एक प्रमुख उद्देश्य युवाओं में अनुशासन, शारीरिक फिटनेस और देशभक्ति की भावना जगाना होता है। साथ ही, यह व्यवस्था युद्ध या आपातकाल की स्थिति में तुरंत बड़ी और प्रशिक्षित सेना उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम प्रदान करती है, क्योंकि नागरिकों का एक बड़ा हिस्सा पहले से ही सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर चुका होता है। कई देशों में ऐसे नियमों के साथ वैकल्पिक सिविल सेवा का विकल्प भी दिया जाता है, ताकि जो लोग सैन्य सेवा नहीं करना चाहें, वे सामाजिक या नागरिक क्षेत्र में योगदान दे सकें।

भारत में जरुरी या नहीं?

भारत में ऐसा कोई अनिवार्य नियम नहीं है। भारतीय सेना पूरी तरह स्वैच्छिक है। हालांकि, NCC जैसे कार्यक्रमों से युवाओं को सैन्य ट्रेनिंग का अवसर मिलता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की बड़ी आबादी और वॉलंटियर सिस्टम के कारण कंसक्रिप्शन की जरूरत नहीं है।