
War Impact
Middle East Conflict News in Hindi : मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के असर से भारत ( India) भी अछूता नहीं रहा है। केवल इजराइल हमास युद्ध ( Israel-Hamas War ) ही काफी नहीं था कि ईरान और इजराइल युद्ध ( Iran-Israel War) के बढ़ते तनाव ने मध्य पूर्व में आग में घी डालने का काम किया है। ईरान ( Iran) की ओर से इज़राइल पर तथाकथित जवाबी ड्रोन हमला दुनिया को चिंतित कर रहा है कि इसका अर्थव्यवस्थाओं और भू-राजनीति पर असर पड़ेगा। तेल और रुपये पर प्रभाव हो सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) की सरकार क्या करेगी? क्या भारत को व्यापारिक साझेदार बदल लेने चाहिए और अगर हां तो इससे देश पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं :
एक ओर जहां संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस सहित वैश्विक नेताओं ने आगे किसी भी तनाव से बचने के लिए संयम बरतने का आह्वान किया है, क्योंकि "मध्य पूर्व कगार पर है", और दुनिया और अधिक युद्ध नहीं झेल सकती। वहीं अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इज़राइल को चेतावनी दी है कि वह ईरान के खिलाफ जवाबी हमले में भाग नहीं ले, जिसमें 300 मिसाइलें और ड्रोन शामिल थे।
उधर इज़राइल और अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित सहयोगी ईरान के अभूतपूर्व हमले को विफल करने में कामयाब रहे और इज़राइल, सऊदी अरब और मध्य पूर्व के कुछ अन्य देशों में शेयर बाजार गिर गया था।
इधर सीरिया हमले के मद्देनजर तेल की कीमतें बढ़ी हैं, ब्रेंट 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चढ़ गया और विश्लेषकों का कहना है कि ईरान और इज़राइल के बीच सीधे संघर्ष पर यह 100 डॉलर तक पहुंच सकता है। इज़राइली शेकेल कमजोर हो गया और इस साल अपने सबसे कमजोर स्तर के करीब पहुंच गया है।
भारत मध्य पूर्व में तनाव पर भी कड़ी नजर रख रहा है, क्योंकि इसकी कच्चे तेल की जरूरतों का 80% आयात किया जाता है, तेल की कीमतों में वृद्धि से देश की वृद्धि, मुद्रास्फीति, रुपए और व्यापार संतुलन पर असर पड़ेगा।
Published on:
04 May 2024 04:11 pm
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