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मुकेश अंबानी ने सपरिवार पहुँच कर राजस्थान के इस मंदिर में टेका माथा, दफ्तर में भी रखी है आराध्य मूर्ति

Mukesh Ambani Visits Shrinathji Temple: दुनिया में शीर्ष 10 अमीरों की सूची में शामिल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 14 सितंबर बुधवार को सपरिवार राजस्थान के नाथद्वारा पहुंचे। यहां उन्होंने श्रीनाथजी मंदिर में दर्शन-पूजन किया और आशीर्वाद लिया। अंबानी परिवार का श्रीनाथजी पर दृढ़ विश्वास है और किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले यहां जरूर आते हैं।

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Mukesh Ambani Visits Shrinathji Temple: मुकेश अंबानी ने मंदिर में दर्शन किया और विशाल बाबा से बातचीत कर वापस मुंबई लौट गए।
मुकेश अंबानी, चार्टर्ड प्लेन से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से वह सड़क मार्ग से नाथद्वारा पहुंचे। उनके साथ बेटे अनंत अंबानी की मंगेतर राधिका मर्चेंट और कंपनी के निदेशक मनोज मोदी भी मौजूद थे।


नाथद्वारा से शुरू कर सकते हैं 5 G सेवा
नाथद्वारा पहुंचे मुकेश अंबानी ने यहां विशाल बाबा का आशीर्वाद भी लिया और उनसे तमाम मसलों पर चर्चा की, जिसमें जियो की 5 G सेवा भी शामिल थी। अंबानी ने अनौपचारिक तौर पर नाथद्वारा से 5 जी सेवा शुरू करने की इच्छा जाहिर की। बता दें कि कंपनी ने हाल में अपनी एजीएम के बाद ऐलान किया था कि इसी साल दीपावली तक देश के बड़े शहरों में 5 जी सेवा की शुरुआत कर दी जाएगी।

श्रीनाथजी मंदिर से है अंबानी परिवार का पुराना नाता
श्रीनाथजी मंदिर से अंबानी परिवार का पुराना नाता है और कई पीढ़ियों से यहां आते रहे हैं। चर्चित लेखक हमीश मैकडोनाल्ड ने अपनी किताब ‘अंबानी एंड संस’ में लिखा है कि अंबानी परिवार मोढ बनिया परिवार से आता है, जिनके मुख्य आराध्य देव भगवान श्रीनाथ हैं। इसलिए अंबानी परिवार कोई भी नया काम करने से पहले मंदिर में दर्शन करने जरूर आता है। अंबानी परिवार ने इस मंदिर में एक आश्रम का भी निर्माण कराया है। मुकेश अंबानी की मां इस मंदिर की उपाध्यक्ष भी हैं। अंबानी ने अपने दफ्तर में भी भगवान श्रीनाथजी की प्रतिमा लगवाई है।


यह है श्रीनाथजी मंदिर की मान्यता
श्रीनाथजी, श्रीकृष्ण भगवान के बाल्यावस्था के रूप माने गए हैं। इन्हें वैष्णव संप्रदाय का मुख्य पीठासीन देव भी कहा जाता है। शुरुआत में कृष्ण के बाल रूप को देवदमन रूप में पूजा जाता था। बताया जाता है उसके बाद वल्लभाचार्य ने उनका नाम गोपाल रखा और पूजा का स्थान ‘गोपालपुर’ रखा। वहीं, बाद में विट्ठलनाथजी ने उनका नाम बदलकर श्रीनाथजी रख दिया।

यहाँ भगवान श्रीकृष्ण को दी जाती है 21 तोपों की सलामी

ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण आज भी यहां विराजमान हैं। यहां दर्शन और पूजा करने से लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं। यह पहला ऐसा मंदिर है, जहां भगवान श्रीकृष्ण को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।