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इजरायल के समर्थन में पहली बार उतरा कोई इस्लामिक मुल्क, विरोध करने वालों को दे रहा कड़ी सज़ा

Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच गाज़ा में चल रहे जबरदस्त विरोध के बीच ये मुस्लिम देश इजरायल का समर्थन कर रहा है और ये पहली बार है कि भीषण युद्ध के बीच जब मुस्लिम देश समेत चारों तरफ से इजरायल की आलोचना की जा रही है तब ये मुस्लिम देश इजराय़ल का साथ दे रहा है।

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Muslim country Saudi Arabia supported Israel

Israel Prime Minister Benjamin Netanyahu

Israel-Hamas War: यहूदी और मुस्लिम समुदाय के बीच तनातनी आज-कल की नहीं बल्कि बरसों पुरानी है। एक वक्त था जब कहा जाता था कि ये दोनों समुदाय कभी भी एक दूसरे का समर्थन नहीं कर सकते। लेकिन ग्लोबलाइजेशन और ग्लोबल ट्रेड के इस दौर में सब कुछ संभव है। फिर चाहे परिस्थितियां कुछ भी हों। इस बात को मिडिल ईस्ट (Middle East Conflict) में चल रहे जबरदस्त गतिरोध के बीच सच भी कर दिया है एक मुस्लिम देश ने जी हां, इजरायल और हमास के बीच गाज़ा में चल रहे जबरदस्त विरोध के बीच एक मुस्लिम देश (Islamic Country) ने इजरायल का समर्थन किया है और ये पहली बार है कि भीषण युद्ध के बीच जब मुस्लिम देश समेत चारों तरफ से इजरायल (Israel) की आलोचना की जा रही है तब ये मुस्लिम देश इजराय़ल का साथ दे रहा है। इस तथ्य को अब यहूदी-मुस्लिम संघर्ष से उबरने के साथ देखा जा रहा है।

विरोधियों को कर रहा गिरफ्तार 

इजरायल का जिस मुस्लिम देश ने समर्थन किया है वो कोई और नहीं बल्कि सऊदी अरब (Saudi Arabia) है। सऊदी अरब अब इजरायल के खिलाफ विरोध करने पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। जो लोग या संगठन सोशल मीडिया पर इजरायल के खिलाफ विरोध जता रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर गिरफ्तार करने का आदेश भी सऊदी में जारी कर दिया गया है। विदेशी मामलों के जानकारों का इस मुद्दे पर कहना है कि सऊदी अरब के उठाए गए कदम (Saudi Arabia-Israel Relation) से ऐसा लगता है कि सऊदी इजरायल से नजदीकी बढ़ाना चाहता है और वो हो ना हो व्यापारिक संदर्भ में है।

होने जा रहा व्यापारिक समझौता

सऊदी अरब के रियाद स्थित राजनयिकों और मानवाधिकार समूहों के मुताबिक सऊदी का शासन जो गिरफ्तारियां कर रहा है वो 7 अक्टूबर के हमास के इजरायल पर किए गए हमले के बाद से बढी हैं। 

इस मामले से जुड़े जानकारों ने अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी को बताया कि इजरायल के साथ अमेरिका और सऊदी अरब एक ऐतिहासिक समझौता कर रहे हैं। जो राज्य को सुरक्षा की गारंटी देगा और इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों के लिए एक रास्ता तैयार करेगा। हालांकि ये सब तब होगा जब इजरायल गाज़ा में ये युद्ध समाप्त कर देगी।

समझौते से पहले बरत रहा बड़ी सावधानी

जानकारों का कहना है कि इस समझौते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है जिसकी अहम वजह गाज़ा में छिड़ा संघर्ष है। क्योंकि सऊदी अरब इजरायल से व्यापारिक समझौता करना चाहता है कि इसलिए वो किसी भी सूरत में अपने देश में इजरायल का विरोध नहीं देख सकता क्योंकि इसका प्रभाव उनके बीच होने वाले समझौते पर पड़ेगा।