7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सूर्य के सबसे पास पहुंचा पार्कर प्रोब, 980 डिग्री तापमान सहने वाले इस स्पेसक्राफ्ट ने कैसे हासिल किया ये मुकाम

Parker Probe: क्रिसमस डे की पूर्व संध्या पर इंसान के बनाए यान की ये सबसे बड़ी उपलब्धि है। NASA के स्पेसक्राफ्ट पार्कर प्रोब ने 6.92 लाख किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धधकते तारे सूर्य की परिक्रमा की है।

2 min read
Google source verification
NASA spacecraft Parker Probe reached closest to Sun

NASA spacecraft Parker Probe reached closest to Sun

Parker Probe: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने नया इतिहास रच दिया है। इसका अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) मंगलवार सुबह धधकते सूर्य के बेहद करीब से गुजरा। इसके और सूर्य के बीच 61 लाख किलोमीटर की दूरी थी। अब तक कोई यान सूर्य के इतने पास नहीं पहुंचा था। नासा ने कहा कि इंसान के बनाए यान की क्रिसमस (Christmas Day) की पूर्व संध्या पर यह सबसे बड़ी उपलब्धि है।

6.92 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रही रफ्तार 

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पार्कर सोलर प्रोब 6.92 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सूर्य के बाहरी वायुमंडल से गुजरा। इस दौरान इसने सूर्य के तापमान के अध्ययन के लिए डेटा एकत्रित किया। यान ने सूर्य के करीब पहुंचने का अपना पिछला रेकॉर्ड तोड़ दिया। सितंबर 2023 में यह सूर्य से 72.42 किलोमीटर दूर से गुजरा था। अगले साल 22 मार्च और 19 जून को यह सूर्य के और करीब से गुजरेगा। नासा के हेलियोफिजिक्स डिवीजन के निदेशक जो वेस्टलेक ने कहा, हम पहली बार किसी मिशन में एक तरह से सूर्य को छूने की कोशिश कर रहे हैं।

झेल गया 980 डिग्री सेल्सियस तापमान

पार्कर सोलर प्रोब को नासा की जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी में डिजाइन किया गया। कार्बन फोम से बनी इसकी हीट शील्ड 1,377 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन करने में सक्षम है। मंगलवार की परिक्रमा में इसने 980 डिग्री सेल्सियस तापमान झेला। यान को अगस्त 2018 में लॉन्च किया गया था। यह सूर्य के वायुमंडल में सीधे जाने वाला पहला यान है। अंडाकार कक्षा में यह सूर्य की परिक्रमा कर रहा है।

बाहरी कोरोना-चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन

नासा ने यह यान सूर्य के बाहरी कोरोना का अध्ययन करने के लिए भेजा है। यह सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र और सौर हवाओं की संरचना के साथ इनकी गति का भी अध्ययन करेगा। इससे अंतरिक्ष के मौसम और पृथ्वी पर इनके प्रभावों के बारे में जानकारी मिलेगी। यान सूर्य की बाहरी परत से उठने वाले सौर तूफानों के बारे में जानकारी देगा, जो उपग्रहों और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को प्रभावित करते हैं।

ये भी पढ़ें- इस साल पाकिस्तान ने Google पर सबसे ज्यादा क्या सर्च किया, जानकर छूट जाएगी हंसी

ये भी पढ़ें- कचरा फैलाने वालों का पूरे देश में ऐसा ‘ढिंढोरा’ पीटेगा जापान…गंदगी करने से पहले 100 बार सोचेंगे लोग

ये भी पढ़ें- क्या है पनामा नहर मामला, भारत के लिए बेहद अहम, ट्रंप ने चीन को दी वॉर्निंग