
नेपाल में बवाल। फोटो- IANS
नेपाल में युवा पीढ़ी (Gen Z) सरकार के खिलाफ भयानक रूप से हिंसक प्रदर्शन कर रही है। देश में बिगड़े हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारी बवाल के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा (Oli Resignation Nepal) देना पड़ा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 500 से ज्यादा घायल हैं।
इस बीच, भारत के बाद रूस ने भी नेपाल को बड़े संकट से उभरने का आह्वान किया है। साथ ही, अपने नागरिकों को स्थिति शांत होने तक नेपाल की यात्रा से बचने की सलाह दी है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा गया है कि उनकी नेपाल में चल रही हिंसक स्थिति पर कड़ी नजर है। पीड़ितों में कोई रूसी नागरिक नहीं था और काठमांडू स्थित रूसी दूतावास के आसपास स्थिति शांत बनी हुई है।
रूसी नागरिकों को नेपाल की यात्रा स्थगित करने के लिए कहा गया है. वहीं, जो पहले से ही नेपाल में हैं, उन्हें सतर्क रहने, भीड़ से बचने, स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने और जरूरत पड़ने पर दूतावास से संपर्क करने के लिए कहा गया है।
हिंसक युवाओं ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और जिला कोर्ट जैसी देश की बड़ी संस्थाओं को भी आग के हवाले कर दिया। कई जगहों पर आग अब तक नहीं बुझ पाई है।
प्रदर्शनकारियों ने मुख्य प्रशासनिक केंद्र सिंह दरबार, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री ओली सहित शीर्ष राजनीतिक नेताओं के आवास और प्रमुख राजनीतिक दलों के मुख्यालयों सहित महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों को भी नहीं छोड़ा है। हर जगह तोड़फोड़ की गई।
Updated on:
10 Sept 2025 09:32 am
Published on:
10 Sept 2025 09:02 am
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