
नेपाल (Nepal) में हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। इसकी वजह है राजशाही की वापसी की मांग। इस वजह से देश में पिछले कुछ दिन से विरोध प्रदर्शन भी चल रहे हैं। नेपाल में कई लोग चाहते हैं कि लोकशाही (Democracy) की जगह राजशाही (Monarchy) की वापसी हो जाए। हालांकि नेपाल की सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसा करना पीछे की तरफ लिया गया कदम होगा, जिससे देश का विकास रुकेगा। ऐसे में लोग राजशाही के समर्थन में नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। नेपाल की संसद में पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने भी इस विरोध का समर्थन किया हैं।
नेपाल में विरोध प्रदर्शनों ने दंगों का रूप ले लिया है। शुक्रवार को राजशाही के समर्थन में नेपाल में कई जगह दंगे हुए। इन दंगों में 2 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हो गए। राजशाही के समर्थन में नेपाल में हो रहे दंगें आने वाले समय में और गंभीर हो सकते हैं। दंगाइयों ने कुछ इमारतों में आग भी लगा दी। कई दुकानें लूटी और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
नेपाल में स्थिति को बिगड़ते देखकर नेपाल सरकार ने राजधानी काठमांडू में सेना तैनात कर दी। यह फैसला स्थिति के ज़्यादा बिगड़ने पर उसे काबू में लाने के लिए लिया गया है।
यह भी पढ़ें- Earthquake: म्यांमार-थाईलैंड में भूकंप ने मचाई तबाही, मरने वालों का आंकड़ा 1,000 पार
नेपाल सरकार ने दंगों की वजह से राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया है। दंगाइयों को प्रदर्शन वाले स्थानों से हटने के निर्देश दे दिए गए हैं और साथ ही लोगों से घर के अंदर रहने का अनुरोध किया गया है।
नेपाल में राजशाही के समर्थन में विरोध प्रदर्शन और दंगे कर रहे लोगों की मांग है देश में राजशाही के साथ पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की वापसी। ये लोग चाहते हैं कि नेपाल की सत्ता में फिर से ज्ञानेंद्र आ जाए और देश में पहले की तरह राजतंत्र लागू हो जाए।
यह भी पढ़ें- रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दिया सुझाव, कहा – “यूक्रेन में हो यूएन का शासन”
Updated on:
31 Mar 2025 09:02 am
Published on:
29 Mar 2025 03:35 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
