
Ursula von der Leyen (Photo - Washington Post)
यूरोपीय कमीशन (European Commission) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) पर कोविड वैक्सीन की खरीद के मामले और रोमानिया (Romania) के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के आरोप लगे हैं। इस वजह से उर्सुला के खिलाफ यूरोपीय सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। यूरोपीय यूनियन के एक दशक से लंबे इतिहास में यह पहला मौका है जब यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी कम से कम 72 सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं। अब सांसद अगले हफ्ते सोमवार को स्ट्रॉसबर्ग में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस करेंगे।
अविश्वास प्रस्ताव रोमानिया के दक्षिणपंथी यूरोपीय सांसद गेयोर्गे पिपेरिया (Gheorghe Piperea) लाए हैं। अविश्वास प्रस्ताव के दो पन्ने के दस्तावेज में यूरोपीय कमीशन पर पारदर्शिता की कमी और बदइंतजामी के आरोप हैं। आरोप खास तौर पर कोविड महामारी के प्रबंधन से जुड़े हैं। कोविड महामारी के दौरान वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइज़र के प्रमुख और यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष के बीच पर्सनल टेक्स्ट मैसेज का आदान-प्रदान हुआ। इसके बाद अरबों डॉलर की डील हुई। अब इसी मामले में आयोग को अविश्वास मत का सामना करना है।
पिपेरिया ने उर्सुला पर रोमानिया के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया, जिसमें राष्ट्रवादी जॉर्ज सिमियन (George Simion) यूरोप समर्थक निकुसोर डैन (Nicușor Dan) से हार गए थे।
अगर अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ तो यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला और कमीशन के सभी 26 कमिश्नरों को इस्तीफा देना पड़ेगा। लेकिन ऐसा मुश्किल लग रहा है। प्रस्ताव पास कराने के लिए 720 सीटों वाली यूरोपीय संसद में कम से कम 361 वोट मिलने चाहिए। ऐसे में फिलहाल उर्सुला सुरक्षित दिख रही हैं।
Updated on:
04 Jul 2025 11:34 am
Published on:
04 Jul 2025 11:21 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
