चाल में भी आ जाते है बदलाव
शोध के दौरान कम सोने (Sleep) वाले लोगों की चाल में सामान्य लोगों के मुकाबले काफी बदलाव देखे गए। ऐसे लोगों के कदम काफी थके हुए उठ रहे थे। शोधकर्ताओं के मुताबिक जो लोग कम सोते हैं, वे सुबह उठने के बाद अलसाए रहते हैं। उन्हें खूब उबासी आती है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहता है। दिनभर थकान रहती है और किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
छह से आठ घंटे की निर्बाध नींद जरूरी
शोध में 24 साल के करीब 123 लोगों को शामिल किया गया। इनके शरीर में मोशन सेंसर लगाया गया। सेंसर का डेटा एआइ लर्निंग एल्गोरिदम को भेजा गया, जिसे करीब 100 अलग-अलग चालों के बारे में शिक्षित किया गया था। शोधकर्ताओं के मुताबिक वयस्कों के लिए रात को छह से आठ घंटे की निर्बाध नींद जरूरी है। इसमें कमी संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव
शोधकर्ताओं का कहना है कि मस्तिष्क को बेहतर तरीके से काम करने में मदद के लिए रात की अच्छी नींद की अहम भूमिका है। पर्याप्त नींद प्रतिरक्षा बढ़ाकर रोगों का जोखिम कम करने और चिंता-तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाती है। अमरीका की एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के मुताबिक अमरीका में तीन में से एक वयस्क को पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है।