
नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली। (Image Source: Instagram)
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने उन अफवाहों पर विराम लगा दिया है, जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि वह देश छोड़कर भागने की योजना बना रहे हैं।
ओली ने नेपाल में अब मौजूदा सरकार पर उनकी सुरक्षा और आधिकारिक विशेषाधिकार छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
भक्तपुर के गुंडू में एक सभा को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि वह देश छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उनका इरादा यहीं रहकर राजनीतिक लड़ाई लड़ने का है।
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, 'क्या आपको लगता है कि हम इस निराधार सरकार को देश सौंपकर हम भाग जाएंगे?' ओली ने कहा कि वह नेपाल में शांति, सुशासन और संवैधानिक व्यवस्था बहाल करने के लिए दृढ़ हैं।
बता दें कि नेपाल में भारी हिंसा प्रदर्शन के बाद पूर्व पीएम ओली को अपना पद छोड़ना पड़ा था। 9 सितंबर को उन्होंने बलुवाटार स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास को भी खाली कर दिया था।
प्रदर्शनकारियों ने बालकोट स्थित उनके निजी आवास को भी आग के हवाले कर दिया था। तब से ओली गुंडू में एक किराए के घर में रहते हैं।
उन्होंने सुशीला कार्की के नेतृत्व वाले प्रशासन पर वैधता की कमी का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि यह जनता की इच्छा से नहीं, बल्कि बर्बरता और आगजनी के जरिए सत्ता में आया है।
ओली ने सरकार को यह भी चुनौती दी कि वह विरोध प्रदर्शनों के दौरान राज्य के अधिकारियों के साथ हुए अपने सभी संवादों को सार्वजनिक करे।
उन्होंने कहा कि उन्हें साहस के साथ प्रकाशित करें। मेरे द्वारा दिए गए निर्देशों को सार्वजनिक करें। साथ ही यह भी कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।
उन्होंने नए हमलों की धमकियों पर चिंता व्यक्त की। इसके साथ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर मेरे आवास पर हमला करने की खुलेआम धमकी दी जा रही है। सरकार क्या कर रही है? बस देख रही है?
ओली ने उन खबरों पर भी आपत्ति जताई कि सरकार ने खुद, नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, आरजू राणा देउबा, रमेश लेखक और दीपक खड़का सहित कई नेताओं के पासपोर्ट जब्त करने का फैसला किया है।
बता दें कि जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शन के दौरान नेपाल में दर्जनों लोग मारे गए थे। 8 सितंबर को विरोध प्रदर्शन का पहला दिन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन अगले दिन पुलिस गोलीबारी से व्यापक हिंसा भड़क उठी थी।
Updated on:
29 Sept 2025 08:07 am
Published on:
29 Sept 2025 08:05 am
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