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डोनाल्ड ट्रंप की वापसी बनी पाकिस्तान की चिंता, करना पड़ सकता है चुनौतियों का सामना

डोनाल्ड ट्रंप इस महीने की 20 तारीख को एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है।

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Donald Trump and Shehbaz Sharif

Donald Trump and Shehbaz Sharif

अमेरिका (United States Of America) में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections) में बंपर जीत के साथ डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) देश के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे। ट्रंप की शपथ ग्रहण समारोह में अब कुछ दिन का ही समय बचा है। ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. (Washington D.C.) में स्थित अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग (US Capital Building) में एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी को लेकर अलग-अलग देशों का अलग-अलग रुख है। हालांकि कुछ देश ऐसे भी हैं जो ट्रंप की वापसी से चिंतित हैं। इनमें पाकिस्तान (Pakistan) भी हैं।

ट्रंप की वापसी को लेकर पाकिस्तान नहीं है उत्साहित

पाकिस्तान पिछले कुछ साल से राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है। ऐसे में ट्रंप का एक बार फिर अमेरिका का राष्ट्रपति बनना पाकिस्तान के लिए एक अच्छी खबर नहीं है। पाकिस्तानी सरकार ट्रंप की वापसी को लेकर बिल्कुल भी उत्साहित नहीं है।

ट्रंप नहीं हैं पाकिस्तान समर्थक

अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान समर्थक नहीं हैं और यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। ट्रंप इस बात को प्राथमिकता देते हैं कि अमेरिका को कैसे और किससे फायदा हो सकता है और ट्रंप की इस सोच के अनुसार पाकिस्तान से उनके देश को किसी तरह का भी फायदा नहीं मिलता है।

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पाकिस्तान को करना पड़ सकता है चुनौतियों का सामना

ट्रंप इस्लाम के कट्टर विरोधी हैं और यह बात जगजाहिर है। ट्रंप समय-समय पर इस्लामिक कट्टरता और आतंकवाद के खिलाफ बोलने से पीछे नहीं हटते। ट्रंप का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को हमेशा से ही बढ़ावा देता आया है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान आतंकवाद की लड़ाई में भारत की मदद करने का भी कई बार प्रस्ताव दिया था। हालांकि भारत ने अमेरिका की मदद के बिना ही आतंकवाद को धूल चटाई।

ट्रंप के नए प्रशासन में भारत समर्थक लोगों की भरमार है, जिससे पाकिस्तान की चिंता पहले ही ही बढ़ी हुई है। पाकिस्तान भी चाहता है कि उसके और अमेरिका के संबंध मज़बूत हो, पर ट्रंप के राष्ट्रपति रहते ऐसा होने की संभावनाएं कम ही हैं। वहीं ट्रंप को भी पता है कि अमेरिका के लिए भारत से मज़बूत संबंध काफी ज़रूरी हैं। पिछले कुछ साल में भारत और अमेरिका के संबंधों में काफी मज़बूती आई है और ट्रंप इन्हें पहले से भी ज़्यादा मज़बूत करने के लिए कई प्रयास कर सकते हैं। ऐसे में पाकिस्तान को कई चुनौतियों को सामना करना पड़ सकता है।


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