
Pakistan PM Shehbaz Sharif
Pakistan: तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान सरकार ने IMF (International Monetary Fund) समेत दुनियाभर के कई देशों से भारी कर्ज लिया है। अब इन बहुपक्षीय संगठनों के दबाव में सरकार ने खर्च में कटौती अभियान बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया है। लगातार बदतर होते हालात से निटपने के लिए पाकिस्तान सरकार ने अब एक झटके में 1.5 लाख नौकरियां खत्म करने का ऐलान किया है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने घोषणा की है कि सरकार ने लागत में कटौती, पैसा बचाने के लिए और दक्षता बढ़ाने के लिए 1.5 लाख नौकरियां समाप्त करने का फैसला किया है। उन्होंने साथ ही बताया कि सरकार संबद्ध एजेंसियों की संख्या में आधी कटौती करेगी।
एक प्रेस ब्रीफिंग में औरंगजेब ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम संघीय सरकार के आकार को चरणबद्ध तरीके से कम कर रहे हैं। अब तक 80 विभागों को 40 में कंसोलिडेटेड किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा जून, 2025 तक इन सुधारों को पूरा करने का है। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत रिक्त पदों को खत्म कर दिया गया, जो करीब 1.5 लाख सरकारी नौकरियों के बराबर है।
उधर, पाकिस्तान में एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में नेशनल असेंबली की एक समिति को सूचित किया गया कि देश के 22,000 से अधिक नौकरशाहों के पास दोहरी नागरिकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। नेशनल असेंबली पाकिस्तानी संसद का निचला सदन है। आंतरिक मामलों से संबंधित नेशनल असेंबली की स्थायी समिति की सोमवार को राजा खुर्रम नवाज की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में सदस्यों ने इस चलन पर चिंता जताई और खासकर नौकरशाहों, न्यायाधीशों और सांसदों के लिए इस चलन को प्रतिबंधित करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
बैठक में प्रस्तावित कानून पर विचार-विमर्श किया गया, जिसके तहत उन देशों के नागरिकों को पाकिस्तानी पासपोर्ट दिया जाएगा, जिनके साथ पाकिस्तान के दोहरी नागरिकता समझौते हैं। बैठक के दौरान, यह पता चला कि करीब 22,000 नौकरशाहों के पास दोहरी नागरिकता है। समिति के सदस्य अब्दुल कादिर पटेल ने आश्चर्य जताया कि नेशनल असेंबली के सदस्यों और न्यायाधीशों के लिए दोहरी नागरिकता प्रतिबंधित है, जबकि नौकरशाहों के लिए ऐसी रोक नहीं है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि विधेयक में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए कि दोहरी नागरिकता वाले व्यक्तियों को नौकरशाह के तौर पर नियुक्त न किया जाए।
पाकिस्तान में रोजगार खत्म किए जाने का निर्णय ऐसे समय लिया गया है जबकि पाकिस्तान के युवा देश में रोजगार की कमी के चलते खाड़ी देशों में जाकर बड़ी संख्या में भीख मांगने का काम करते हैं और कई युवा गुमराह होकर आतंकवाद की राह पर चल देते हैं। माना जा रहा है कि शहबाज सरकार के इस निर्णय से पाकिस्तान से युवाओं का पलायन और अधिक बढ़ेगा।
Published on:
09 Jan 2025 09:19 am
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