
Pakistan President Zardari Gave Statement on Shehbaz Sharif Government to break alliance
Pakistan: पाकिस्तान की सियासत इन दिनों डांवाडोल चल रही है। दरअसल जिन बिलावल भुट्टो और शहबाज़ शरीफ ने एक साथ मिलकर पाकिस्तान को एक नए दौर और विकास के पथ पर ले जाने की जो कसमें खाईं थीं और वादे किए थे, वो सब अब धरे के धरे रहते दिखाई दे रहे हैं। दरसअल पाकिस्तान की सियासत में जो उठापटक चुपके-चुपके चल रही थी वो अब खुलकर सामने आने लगी है और ये ऐसी खुली कि पूरी दुनिया में बात फैलने लगी है कि पाकिस्तान की सरकार महज 6 महीनों में ही गिर जाएगी। आपको बता दें कि ये संकेत किसी और ने नहीं बल्कि, अब खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी (Asif Ali Zardari) ने दे दिए हैं।
दरअसल आसिफ अली जरदारी ने ये प्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ (Shehbaz Sharif) और उनकी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें पता है कि कैसे सरकारें बनाई जाती हैं और गिराई जाती हैं। अगर शहबाज़ शरीफ और उनकी पार्टी ऐसा बर्ताव करते रहेंगी तो वो उनकी सरकार से हाथ वापस खींच लेंगे जिससे ये गठबंधन की सरकार गिर जाएगी और दोबारा चुनाव होंगे।
दरअसल राष्ट्रपति और शहबाज़ शरीफ सरकार में गठबंधन वाली पार्टी PPP के मुखिया आसिफ अली जरदारी ने IMF के सौदे से निपटने और कर्ज पर पाकिस्तान की निर्भरता को लेकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर निशाना साधा। उन्होंने नकदी संकट से जूझ रही सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वो जिम्मेदार लोगों को नहीं छोड़ेंगे और वो जानते हैं कि सरकार कैसे बनानी और गिरानी है।
दरअसल जुलाई 2023 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने कर्ज में फंसे पाकिस्तान के लिए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की स्टैंड-बाय व्यवस्था को मंजूरी दी थी ताकि पाकिस्तान के विकास के लिए जगह बनाते हुए अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और झटके से बचाने के तत्काल कोशिशों का समर्थन किया जा सके।
लेकिन इसी हफ्ते की शुरूआत में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान कर राजस्व बढ़ाने में विफल रहा तो वो IMF से राहत पैकेज मांगना जारी रखेंगे।
औरंगजेब के बयान के दो दिन बाद ही सरकार में गठबंधन की पार्टी PPP यानी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के बेटे बिलावल भुट्टो ने शहबाज़ सरकार को समर्थन वापस लेने की चेतावनी दे दी थी। भुट्टो ने कहा था जो वादे शहबाज़ शरीफ ने गठबंधन के समय किए थे वो पूरे नहीं हुए और पार्टी के साथ अब भेदभाव किया जा रहा है, हमारे साथ ढंग से बर्ताव तक नहीं हो रहा है। साथ में उन्होंने ये तक कह दिया था कि पाकिस्तान के चुनाव में पारदर्शिता की काफी कमी देखी गई थी।
अब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की सत्तारूढ़ PML-N पर सरकार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है और कहा है कि IMF का पाकिस्तान को कर्ज़ यहां की जनता के लिए एक परीक्षा है। हम जानते हैं कि सरकार कैसे बनानी और गिरानी है।
बता दें कि PPP के नेताओं ने भी पंजाब और संघीय सरकारों से सहयोग की कमी का आरोप लगाया है। एक नेता तो ये तक कह दिया कि सरकार में भागीदार होने के बावजूद उन्हें उनके ही पूरे अधिकार नहीं मिल रहे हैं। सलाथ ही कई चुनावी मुद्दे भी अनसुलझे हुए हैं।
बता दें कि बिलावल भुट्टो की पार्टी ने शहबाज शरीफ की पार्टी से गठबंधन कर पाकिस्तान में सरकार बनाई है। क्योंकि इस साल हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। हालांकि इमरान खान की PTI 92 सीट लाकर पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। लेकिन बहुमत ना होने के चलते बिलावल भुट्टो की PPP और शहबाज़ शरीफ की PML-N ने गठबंधन की सरकार बना ली थी। जिसमें शहबाज़ शरीफ को दोबारा प्रधानमंत्री बनाया गया।
Updated on:
12 Jul 2024 05:16 pm
Published on:
12 Jul 2024 12:55 pm
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