
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ
Pakistan: पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान में लगभग 2.2 करोड़ भिखारी हैं। आसिफ ने यह भी कहा कि चिंता इस बात की है कि इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है और यह अब सिर्फ घरेलू मसला नहीं रहा। पाकिस्तानी लोग विदेशों में जाकर भी भीख मांग रहे हैं। इसलिए, इनकी बढ़ती आबादी विदेशों में भी देश की छवि खराब कर रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की कुल आबादी 24 करोड़ के करीब है। इस तरह से पाकिस्तान में लगभग हर 10वां आदमी भीख मांगने के पेशे में है। इस तरह पाकिस्तान में भीख मांगना एक तरह से राष्ट्रीय पेशा बन चुका है।
आसिफ ने यह भी बताया कि ये भिखारी साल भर में कितना कमाते हैं। सियालकोट में रेडीमेड गारमेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते आसिफ ने कहा, इन भिखारियों की सालाना आय कुल 42 अरब रुपए है। समस्या की विकरालता रेखांकित करते हुए ख्वाजा ने कहा कि उन्हें सियालकोट से दो बार भिखारियों को बाहर निकाला है, लेकिन वे अभी भी बड़ी संख्या में वापस आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाते हैं।
पाकिस्तान के नागरिक ही नहीं, देश के रूप में पाकिस्तान भी दुनिया भर में सबसे ज्यादा कर्ज मांगने वाले देश के रूप में कुख्यात है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, आइएमएफ से सबसे अधिक 20 बार कर्ज लेने वाले दो देश हैं- पाकिस्तान और अर्जेंटीना। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी कई मौकों पर इस बात का रोना रो चुका हैं कि वे अब जब भी सऊदी अरब या अन्य किसी मित्र देश की यात्रा पर जाते हैं, तो यही समझा जाता है कि हम कर्ज मांगने आ रहे हैं।
आसिफ ने कहा, अकेले सऊदी अरब में 6,000 लोग भीख मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, पिछले तीन साल में सऊदी अरब 4700 पाकिस्तानियों को भीख मांगते हुए पकड़कर डिपोर्ट कर चुका है। ऐसे में दूसरे देश हमारी मदद कैसे कर सकते हैं? शहबाज के मंत्री ने कहा, पाकिस्तानियों की इस भिक्षावृत्ति की बढ़ती समस्या के चलते देश के उद्योगपतियों को विदेशी वीजा हासिल करने में समस्याएं सामने आती हैं।
कंगाल पाकिस्तान के लोगों को गुमराह करने के लिए यहां के हुक्मरान कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं। इसके चलते, यहां गिने-चुने हिंदू मंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं। शनिवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद और धार्मिक मामलों के राज्य मंत्री खील दास कोहिस्तानी के काफिले पर टमाटर और आलू फेंके और संघीय सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस हमले में उन्हें कोई चोट नहीं आई है। प्रदर्शनकारी शहबाज सरकार की नई नहर परियोजना का विरोध कर रहे थे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कोहिस्तानी को फोन किया और घटना की गहन जांच का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'जन प्रतिनिधियों पर हमला अस्वीकार्य है। घटना में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जबकि पाक सेनाध्यक्ष असीम मुनीर ने हिंदू और मुस्लिमों को दो बिल्कुल अलग कौमें बताते हुए देश के विभाजन का आधार बताया था। मुनीर ने कहा था, हमारे पूर्वजों ने सोचा कि हम जीवन के हर संभव क्षेत्र में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग हैं, हमारे रीति-रिवाज़ अलग हैं। हमारी संस्कृति अलग हैं और हमारी सोच अलग हैं। हमारी महत्वकांक्षाएं अलग हैं। यह दो राष्ट्र के सिद्धांत की नींव थी।
Updated on:
20 Apr 2025 08:47 pm
Published on:
20 Apr 2025 07:58 pm
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