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प्रीमैच्योर जन्म के 10 फीसदी मामलों के लिए प्लास्टिक जिम्मेदार

पूरी दुनिया में प्री मैच्योर जन्म के मामले बढ़ रहे हैं। अब इसके कारणों का खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि फेथलेट्स नामक सिंथेटिक रसायन इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।

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Plastic responsible for 10 percent cases of premature birth

पूरी दुनिया में प्री मैच्योर जन्म के मामले बढ़ रहे हैं। अब इसके कारणों का खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि फेथलेट्स नामक सिंथेटिक रसायन इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। यह रसायन प्लास्टिक को नरम करने में इस्तेमाल होता है और इसे 'सभी जगह पाए जाने वाले रसायन' के नाम से भी जाना जाता है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के एक शोध में यह पाया गया है हार्मोन अवरोधक यह रसायन जीवन देने वाले प्लेसेंटा के कार्यों को प्रभावित कर सकता है, इसमें सूजन ला सकता है। गर्भ में विकासशील भ्रूण के लिए ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्लेसेंटा के जरिए ही मिलते हैं।

खाना पैकेजिंग में इस्तेमाल होता है फेथलेट्स
शोध से खुलासा हुआ है कि प्रीटर्म प्रसव का सबसे गहरा संबंध खाना पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले डाइ-2-एथिलहैक्सिल फेथलेट्स या डीईएचपी रसायन से देखा गया है। इस शोध के प्रमुख लेखक और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के पर्यावरण बाल चिकित्सा विभाग के निदेशक
डॉ. लियोनार्डो ट्रैसांडे के अनुसार, 2018 में प्रीटर्म जन्म के 5 से 10 फीसदी मामलों (57000 प्री टर्म बर्थ) के लिए डीईएचपी और इसी तरह के तीन रसायन ही जिम्मेदार थे। यह अध्ययन पिछले दिनों लैंसेट मैग्जीन में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि फेथलेट्स रसायन का इस्तेमाल प्लास्टिक के डिब्बों, रैपिंग, सौंदर्य देखभाल उत्पादों और खिलौनों सहित हजारों उपभोक्ता वस्तुओं में किया जा सकता है। दशकों से इस रसायन को हार्मोन को असंतुलित करने वाले रसायन के रूप में जाना जाता है।