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पीएम मोदी की मालदीव यात्रा: ‘India In’ एक नया अध्याय, 4,999.25 करोड़ रुपये का लोन और FTA की शुरुआत के मायने

PM Modi Maldives Visit 2025: पीएम मोदी की मालदीव यात्रा ने भारत और मालदीव के बीच संबंधों में नए युग की शुरुआत की है।

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भारत

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MI Zahir

Jul 27, 2025

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए। ( फोटो: ANI.)

PM Modi Maldives Visit 2025: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेकर दोनों देशों के बीच नए रिश्तों की शुरुआत (PM Modi Maldives Visit 2025) की है। यह मोदी का मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammed Muizzu) के सत्ता में आने के बाद पहला औपचारिक दौरा था, जिसने मालदीव की विदेश नीति में बड़ा बदलाव दिखाया है। जहां पहले ‘India Out’ की नीति रही, अब ‘India In’ की दिशा में कदम बढ़े हैं। मोदी ने मालदीव के लिए 565 मिलियन डॉलर यानी करीब 4,999.25 करोड़ रुपये की क्रेडिट लाइन देने की घोषणा की है। यह पैसा मुख्य रूप से मालदीव (Maldives) के बुनियादी ढांचे, अस्पतालों और आवासीय परियोजनाओं के विकास में लगाया जाएगा।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत शुरू करने का निर्णय

दोनों देशों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य, पर्यटन, डिजिटल सेवाओं और मत्स्य उद्योग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौते (MoUs) भी किए गए।

सुरक्षा सहयोग और नई शुरुआत

पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने मिलकर मालदीव में रक्षा मंत्रालय के नए भवन ‘Dhoshimeyna’ का उद्घाटन किया। भारत ने इस भवन के निर्माण में आर्थिक सहायता के साथ-साथ सुरक्षा उपकरण भी प्रदान किए हैं, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत बनाएंगे।

चीन-मालदीव रिश्तों में बदलाव

मालदीव और चीन के बीच पुराने करीबी रिश्तों के बावजूद, आर्थिक संकट के दौरान भारत की मदद से मालदीव ने अपनी वित्तीय स्थिति सुधार ली है। इस वजह से मालदीव ने भारत के साथ संतुलित और बेहतर संबंध स्थापित करने की नीति अपनाई है। चीन के सरकारी मीडिया ‘Global Times’ ने इस बदलाव को आलोचनात्मक नजरिए से देखा, लेकिन मालदीव की जरूरतें और भारत की सकारात्मक पहल ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती दी है।

भारत की ‘Neighbourhood First’ नीति की जीत

विश्लेषक मानते हैं कि यह दौरा भारत की ‘Neighbourhood First’ नीति की सफलता का प्रतीक है। इससे भारत की क्षेत्रीय साख और प्रभाव दोनों मजबूत हुए हैं, खासकर इंडियन ओशन क्षेत्र में।

भारत-चीन प्रतिस्पर्धा का नया अध्याय

मालदीव में भारत का प्रभाव बढ़ना सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दा नहीं, बल्कि इंडियन ओशन में भारत-चीन के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा का नया रूप है। भारत ने अपनी ‘सॉफ्ट पावर’ नीति और बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए चीन को कड़ी चुनौती दी है, जिससे उसकी रणनीतिक गहराई और प्रभाव दोनों बढ़े हैं।

सुलगते सवाल : अब FTA वार्ता आगे कैसे बढ़ेगी ?

क्रेडिट लाइन का उपयोग किस प्रकार की परियोजनाओं में होगा?

क्या चीन इस बदलाव पर सामरिक प्रतिक्रिया देगा?

इसके उत्तर आने वाले महीनों में सामने आएंगे।

इंडियन ओशन में भारत‑चीन गहरी प्रतिस्पर्धा का प्रतीक

बहरहाल मालदीव पर ध्यान सिर्फ द्विपक्षीय नहीं, यह इंडियन ओशन में भारत‑चीन गहरी प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है। भारत ने ‘soft diplomacy’ और infrastructure delivery के जरिए चीन को चुनौती दी है, जिससे भारत की रणनीतिक गहराई और स्पष्ट हुई है