
Indian Prime Minister Narendra Modi greeted by Maldives President Mohamed Muizzu (Photo - PM Modi's social media)
PM Modi Visit Maldives: पीएम नरेंद्र मोदी मालदीव के दौरे पर हैं। मोदी आज मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों (India Maldives Relation) की स्थापना के 60 साल पूरे होने का जश्न भी मनाया जाएगा। दरअसल, मालदीव को साल 1965 में ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी। 1887 से लेकर 1965 तक मालदीव की विदेश नीति और रक्षा ब्रिटिश कंट्रोल में थी। भारत ने सबसे पहले मालदीव को मान्यता दी।
पीएम मोदी के मालदीव दौरे के दौरान भारत और मालदीव के बीच कर्ज, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA), मत्स्य पालन और वॉटर कृषि, डिजिटल परिवर्तन, फार्माकॉपिया और UPI समेत कुल 8 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने माले में रक्षा मंत्रालय के नए भवन का उद्घाटन किया।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए दोस्ती हमेशा पहले आती है। भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी देश है। भारत की पड़ोसी पहले नीति और महासागर विजन में मालदीव का अहम स्थान है। भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव के साथ संकटग्रस्त, महामारी और वस्तुओं की उपलब्धता के समय में हमेशा खड़ा रहा है। भारत और मालदीव ने साथ मिलकर काम किया है।
मालदीव भारत के दक्षिण में हिंद महासागर में स्थित सबसे छोटा देश है। 1200 द्वीपों में फैले इस देश का क्षेत्रफल 298 वर्ग किलोमीटर है। यह दिल्ली के क्षेत्रफल से भी पांच गुना कम है। मालदीव का इतिहास 2500 साल पुराना है। 5 लाख की आबादी वाले इस देश में 98 फीसदी आबादी मुस्लिम है, लेकिन आज से लगभग 900 साल पहले यह बौद्ध व हिंदू धर्म का केंद्र था। 1153 में मालदीव इस्लाम में कनवर्ट हुआ।
मालदीव में इस्लाम का प्रवेश 9वीं और 10वीं शताब्दी में हुआ। मालदीव में इस्लाम अरब व्यापारियों के जरिए पहुंचा। मालदीव के अंतिम बौद्ध राजा धोवेमी ने साल 1153 में इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। प्राचीन दस्तावेजों के मुताबिक उत्तरी अफ्रीका के विद्वान अबु अल बरकात अल बरबरी ने राजा को इस्लाम धर्म में धर्मांतरित कराया था। इस्लाम अपनाने के बाद धोवेमी को सुल्तान मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह के नाम से जाना गया। इस्लामिक शासन 6 राजवंशो तक चला। 2008 में मालदीव के नए संविधान ने इस्लाम को आधिकारिक धर्म घोषित कर दिया गया.
मालदीव के लोककथाओं के मुताबिक राजा धोवेमी के वक्त वहां समुद्री राक्षस रन्नामारी का आतंक था। राक्षस को शांत करने के लिए हर महीने कन्या बलि दी जाती थी। राजा लॉटरी के जरिए कन्या का चुनाव करता था। एक बार जब एक परिवार परिवार की इकलौती बेटी को बलि के चुना गया तो यह बात अबु अल-बरकात को पता चली। बरकात उसी परिवार के अतिथि बनकर मालदीव में रुके हुए ते। बकरात ने मीनार में रात बिताने की पेशकश की। उन्होंने रात भर आयतें पढ़ी। जिसे सुनकर राक्षस भाग गया। इससे प्रेरित होकर राजा ने इस्लाम धर्म अपना लिया।
Published on:
26 Jul 2025 07:49 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
