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Pope Francis dies: ऐसे चुना जाएगा नया पोप? सफेद और काला धुआं का क्या है कनेक्शन

Pope Francis dies: नए पोप का चुनाव कॉन्क्लेव नामक प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जो कैथोलिक चर्च की सबसे गोपनीय और प्राचीन परंपराओं में से एक है।

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भारत

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Ashib Khan

Apr 21, 2025

धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का निधन (Photo- ANI)

Pope Francis dies: ईसाई समुदाय के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद 88 साल की उम्र में निधनहो गया। वेटिकन ने सोमवार को इस खबर की पुष्टि की है। पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब अगले पोप की चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दरअसल, पोप की मौत के बाद वेटिकन में अंतराल अवधि शुरू हो जाती है। यह पोप की मृत्यु और नए पोप के चुनाव के बीच का समय होता है। 

कैसे होता है नए पोप का चुनाव

नए पोप का चुनाव कॉन्क्लेव नामक प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जो कैथोलिक चर्च की सबसे गोपनीय और प्राचीन परंपराओं में से एक है। कॉन्क्लेव तब शुरू होता है जब पोप का निधन होता है या वे पद त्याग करते हैं। कॉन्क्लेव आमतौर पर पोप की मृत्यु के 15-20 दिनों के भीतर शुरू होता है। यह सिस्टिन चैपल, वेटिकन में आयोजित होता है, जहां कार्डिनल्स (चर्च के वरिष्ठ अधिकारी) एकत्र होते हैं। केवल 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल्स मतदान में भाग ले सकते हैं।

मतदान के बाद जला दिए जाते है मतपत्र

इसके बाद वे कई चरणों में मतदान करते हैं जब तक कि किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिल जाता और प्रत्येक मतदान के बाद मतपत्र जला दिए जाते हैं। काला धुआं संकेत देता है कि कोई निर्णय नहीं हुआ है, जबकि सफ़ेद धुआं संकेत देता है कि नया पोप चुना गया है।

नए पोप की घोषणा

नए पोप के चुनाव के बाद उनसे औपचारिक रूप से पूछा जाता है कि क्या वे अपनी भूमिका स्वीकार करते हैं?  यदि वे सहमत होते हैं, तो उन्हें एक पोप नाम चुनना होगा, जो अक्सर पिछले संतों से प्रेरित होता है। पोप को सेंट पीटर बेसिलिका की बालकनी में जाने से पहले पोशाक पहनाई जाती है। आखिर में नए पोप सेंट पीटर स्क्वायर में अपने अनुयायियों का अभिवादन करते हैं और पोप के रूप में अपना पहला आशीर्वाद देते हैं।

कैमरलेंगो द्वारा की जाती है पोप की मृत्यु की पुष्टि

पोप की मृत्यु की पुष्टि कैमरलेंगो द्वारा की जाती है, जो कार्डिनल है और चर्च के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। वह औपचारिक रूप से पोप के बपतिस्मा का नाम तीन बार पुकारता है और यदि कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो उसे मृत घोषित कर देता है। इसके बाद वेटिकन अपने आधिकारिक माध्यम से दुनिया को सूचित करता है कि पोप की मृत्यु हो गई है।

9 दिन का होता है शोक

पोप की मृत्यु के बाद 9 दिन तक शोक मनाया जाता है। पोप के अंतिम संस्कार को उनकी मृत्यु के 4-6 दिनों के भीतर किया जाता है। पोप को तब सेंट पीटर्स बेसिलिका में दफनाया जाता है।