
PM Narendra Modi, Joe Biden And Xi Jinping
India USA on China: चीन का विस्तारवादी नीतियों से सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया परेशान है। चीन की चालाकियों से निपटने के लिए अब भारत ने अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर एक तगड़ा प्लान बनाने के बारे सोचा है। जो हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo Pacific Region) में चीन की चालाकियों से निपटने में मददगार होगा। दरअसल अमेेरिका में बीते दिन हुई क्वाड (QUAD) की बैठक में चारों देशों के नेताओं ने चीन पर चर्चा की। इसमें चीन को रोकने के बारे में पहले सभी देश के नेताओं ने प्रस्ताव रखे और फिर उन्हें लागू करने पर बात की। ये प्लान क्या है ये हम आपको बता रहे हैं।
दरअसल इस क्वाड बैठक से पूर्व अमेरिका ने साफ कर दिया था कि क्वाड बैठक में टॉप एजेंडा चीन की बढ़ती आक्रामकता ही रहेगा। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि, ये संभव नहीं कि क्वाड बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक चीन की सैन्य कार्रवाई के कारण पेश की गई चुनौती पर चर्चा न की जाए। इसमें इमसें चीन की अवैध कारोबारी नीतियां और ताइवान खाड़ी में तनाव जैसे मुद्दे भी उठना तय है।
बैठक के बाद बताया गया कि दो साल पहले शुरू की गई समुद्री डोमेन जागरूकता के विस्तार की घोषणा की गई है। जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही इस दौरान, इलाके में नियमित गश्त के लिए संयुक्त तट रक्षक अभियानों की योजना की घोषणा भी की गई है। जिसमें ऑस्ट्रेलियाई, जापानी और भारतीय कर्मी अमेरिकी तट रक्षक पोत पर तैनात रहेंगे। साथ ही इस दौरान सदस्य देश सैन्य रसद सहयोग बढ़ाने की योजनाओं की भी घोषणा भी की है।
इस दौरान इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी से जुड़ी एक नई संधि पर भी समझौते की बात की जा रही है। इस तरह क्वाड का सहयोग दायरा 14 देशों तक बढ़ाकर चीन को घेरने की कोशिश की जाएगी।
इस बैठक की खास बात है कि यह बैठक राष्ट्रपति जो बाइडन के गृहनगर स्थित उनके पूर्व स्कूल आर्चमेयर एकेडेमी में संपन्न हुई। अमरीका यात्रा से पूर्व प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि क्वाड हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए समर्पित समान सोच वाले देशों का फोरम है। बयान में आगे कहा गया है कि बाइडन के साथ मीटिंग के दौरान भारत-अमरीका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी गहरी करने के लिए नए रास्ते तलाशने पर चर्चा होगी।
अवधारणा के तौर पर क्वाड 2007 में वजूद में आ चुका था। लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडन के दौर में क्वाड को खासी मजबूती मिली है। क्वाड की सभी पांच बैठकें जो बाइडन के दौर में ही हुई हैं और छठवीं बैठक भी बाइडन के कार्यकाल में हो रही है। पहले यह बैठक भारत में होनी थी, लेकिन अब यह बैठक बाइडन के इस वर्ष रिटायर होने से पहले अमरीका में रखी गई है।
जबकि अमरीका में क्वाड देश बैठक कर रहे हैं, उधर जापान सागर में रूस और चीन ने शनिवार को जापान सागर में नौसैनिक अभ्यास शुरू किया। इस 'बेइबू/इंटरैक्शन - 2024' नौसैनिक अभ्यास नाम दिया गया है। इस युद्धाभ्यास में विमान रोधी और पनडुब्बी रोधी हथियार शामिल होंगे। गौरतलब है कि रूस और चीन ने इस महीने महासागर-2024 नौसैनिक अभ्यास के हिस्से के रूप में मिसाइल और तोपखाने की फायरिंग का अभ्यास किया था, जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रशांत क्षेत्र में अमरीका की चुनौती का मुकाबला करने के रूप में पेश किया।
इस यात्रा के दौरान, भारत-अमरीका अंतरिक्ष सहयोग के बारे में घोषणा की जा सकती है। जिसके तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेंगे। साथ ही इस दौरान भारत और अमरीका के बीच अरबों डॉलर के 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर भी सहमति बन सकती है।
Updated on:
22 Sept 2024 01:54 pm
Published on:
22 Sept 2024 01:53 pm
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