
Quran burning
दुनियाभर में रहने वाले मुस्लिम आज के दिन ईद (Eid) का त्यौहार मना रहे हैं। आज के त्यौहार को दुनिया के कई देशों में ईद-अल-अधा (Eid-al-Adha) के नाम से भी जाना जाता है। वहीं भारत (Bakrid) में इसे बकरीद (Bakrid) के नाम से भी जाना जाता है। मुस्लिमों के लिए यह त्यौहार काफी खास होता है और दुनियाभर में रहने वाले मुस्लिम इसे धूमधाम से मनाते हैं। पर ईद के इस अवसर पर आज कुछ ऐसा हो गया जिससे हंगामा मच गया है।
स्वीडन में जलाई कुरान
ईद के अवसर पर स्वीडन (Sweden) में आज कुछ ऐसा हुआ जो शायद ही किसी ने सोचा होगा। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोल्म (Stockholm) में ईद के अवसर पर बुधवार की शाम को सेन्ट्रल मस्जिद के सामने एक 37 साल के आदमी ने कुरान की एक किताब को जला दिया। ईद की शुरुआत बुधवार की शाम से ही हो गई थी। ऐसे में ईद के अवसर पर कई लोगों ने स्टॉकहोल्म की सेन्ट्रल मस्जिद के सामने प्रदर्शन किया। रिपोर्ट के अनुसार सरकार और पुलिस ने अभिव्यक्ति की आज़ादी बताते हुए प्रदर्शन की अनुमति दी थी। इस प्रदर्शन के दौरान ही एक आदमी ने कुरान की किताब को फाड़ते हुए उसमें आग लगाकर उसे जला दिया।
यह भी पढ़ें- अमरीका में रह रहे भारतीय मूल के शख्स ने उबर के ज़रिए की कई लोगों की तस्करी, मिली 45 महीने की सज़ा
प्रदर्शनकारी ने कुरान पर बैन लगाने के लिए कहा
स्टॉकहोल्म में सेन्ट्रल मस्जिद के सामने हुए प्रदर्शन में एक प्रदर्शनकारी ने दुनियाभर में कुरान पर बैन लगाने की भी बात कही। प्रदर्शनकारी ने कुरान को फालतू की किताब बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र, नैतिकता, मानवीय मूल्यों, मानवाधिकारों और महिला अधिकारों के लिए खतरा है और इस वजह से इसे बैन कर देना चाहिए।
इस्लामिक देशों में हंगामा
स्वीडन में इस तरह ईद के मौके पर मस्जिद के सामने कुरान को जलाने पर हंगामा हो गया है। सोशल मीडिया पर जैसे ही इस घटना का वीडियो सामने आया, उसके बाद से ही इस्लामिक देशों में नाराज़गी है और कई देशों की तरफ से इस घटना पर खुले तौर पर नाराज़गी व्यक्त की गई है। स्वीडन में रहने वाले मुस्लिम इस घटना का विरोध कर रहे हैं, साथ ही दुनियाभर के मुस्लिम भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं।
तुर्की (Turkey) के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस घटना को जघन्य अपराध बताया गया। तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने ट्वीट करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इस्लाम विरोधी प्रदर्शन को गलत बताते हुए इस्लामोफोबिया फैला रहे चरमपंथियों को काबू में करने की बात कही।
तुर्की सरकार के ही संचार निदेशक फहार्टिन अल्तुन ने ट्वीट करते हुए इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने और यूरोपीय अधिकारियों, विशेष रूप से स्वीडन के अधिकारियों के बर्ताव की निंदा की। अल्तुन ने आगे यह भी कहा कि जो लोग नाटो में हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं, वो इस्लामोफोबिक आतंकवादियों की इस तरह की हरकत को बर्दाश्त नहीं कर सकते। साथ ही अल्तुन ने स्वीडिश अधिकारियों से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की है और उम्मीद जताई है कि यूरोपीय अधिकारी इस्लाम के खिलाफ नफरत के खतरे के प्रति जागरूक होंगे।
मोरक्को (Moracco) ने इस घटना के बाद स्वीडन में रह रहे अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। वहीं सऊदी अरब (Saudi Arabia) का भी इस घटना पर गुस्सा फूट पड़ा। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी करते हुए इस तरह की नफरत फैलाने वाली घटनाओं को अस्वीकार्य बताया। पाकिस्तान (Pakistan) और दूसरे इस्लामिक देशों ने भी इस घटना की निंदा की है।
मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने भी ट्वीट करते हुए स्वीडन में कुरान जलाए जाने की घटना की आलोचना की है। मुस्लिम लीग ने बयान जारी करते हुए इस घटना की निंदा की और इसे पुलिस के प्रोटेक्शन में आज़ादी की अभिव्यक्ति नहीं बल्कि कई चीज़ों का दुरुपयोग बताया। मुस्लिम लीग ने दूसरों का सम्मान करने और उन्हें न भड़काने को आज़ादी का सही कॉन्सेप्ट बताया है।
Published on:
29 Jun 2023 06:41 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
