
Britain Violence
Britain Violence: ब्रिटेन में 3 बच्चियों की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या करने का मामला अब जोर पकड़ चुका है। बीते एक हफ्ते से इसी मुद्दे पर जबरदस्त प्रदर्शन किया जा रहा है। लेकिन अब हालात बहुत खराब हो चुके हैं। अब ये हिंसा नस्लवाद और सांप्रदायिकता पर उतर आई है। ब्रिटेन में अब अप्रवासियों को निशाना बनाया जा रहा है। यहां के कई शहरों और कस्बों में हजारों की संख्या में नस्लवाद और सांप्रदायिक विरोधी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते बुधवार को नस्लवाद-विरोधी प्रदर्शनकारियों ने लंदन, ब्रिस्टल, ब्राइटन, बर्मिंघम, लिवरपूल, हेस्टिंग्स और वॉल्थमस्टो जैसे शहरों और कस्बों की सड़कों पर उतर जबरदस्त प्रदर्शन किया। इन्होंने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं जिन पर लिखा था, 'फासीवाद और नस्लवाद को खत्म करो', 'शरणार्थियों का स्वागत है। दक्षिणपंथ को रोकें' और नफरत नहीं, प्यार करें'। दूसरी तरफ इनका सामना नस्लवाद और सांप्रदायिकता का समर्थन करने वाले गुट से हुई , जहां दोनों गुट आपस में भिड़ गए पुलिस को इन दोनों को खदेड़ने के लिए वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा, जिससे 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं।
ब्राइटन में बहुत कम संख्या में दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी आए लेकिन देखते ही देखते उनकी तुलना में भारी संख्या में नस्लवाद विरोधी विशाल भीड़ वहां पहुंच गई। भीड़ ने मुसलमानों और आम तौर पर अप्रवासी आबादी को निशाना बनाकर दंगे किए। जिसमें पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए, दुकानों को लूट लिया गया और शरणार्थियों के होटलों पर हमला किया गया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि ये हिंसा इंटरनेट पर गलत जानकारी के चलते भड़की थी। जिसमें दावा किया गया था कि जुलाई के अंत में उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपोर्ट में तीन बच्चों की हत्या करने वाला संदिग्ध एक मुस्लिम अप्रवासी था। यह संदिग्ध 17 वर्षीय एक्सल रुदाकुबाना था। इस पर हत्या का आरोप लगाया गया था।
उपद्रव के बाद 100 से ज़्यादा दंगाइयों पर आरोप लगाए गए हैं और उनके मामलों को अदालती प्रक्रिया में तेजी से निपटाया गया है। बुधवार को तीन लोगों को जेल भेजा गया, जिनमें से एक को तीन साल की सजा सुनाई गई।
Updated on:
29 Oct 2024 01:30 pm
Published on:
08 Aug 2024 10:33 am
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