राहुल ने बोला केंद्र पर हमला डोकलाम मुद्दे पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए राहुल ने कहा, “मेरे पास डोकलाम का ब्योरा नहीं है, लेकिन मैं कह सकता हूं कि डोकलाम सीमा का मुद्दा नहीं है। यह एक रणनीतिक मुद्दा है। डोकलाम संकट हुआ क्योंकि सरकार एपिसोडिक है। प्रधान मंत्री डोकलाम को एक कार्यक्रम और इंटरटेमेंट इवेंट के रूप में देखते हैं। लेकिन मेरी नजर में यह एक रिएक्शन है। इसे सूझबूझ और सख्ती से निपटना चाहिए था।”
रोका जा सकता था डोकलाम राहुल ने कहा,” डोकलाम को रोका जा सकता था अगर पीएम ने इस बात पर ध्यान दिया होता। इस पूरे प्रकरण में सरकार द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द बहुत ही रोचक थे। यह कहा गया कि चीनी सेना तीनो देशों के संपर्क बिंदु से वापस आ गई है।लेकिन सच्चाई यह है कि चीनी सेना आज भी डोकलाम में हैं।”
विदेश नीति पर क्या बोले राहुल भारत की वर्तमान विदेश नीति पर बोलते हुए राहुल ने कहा,”मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि सरकार भारत की आधारभूत ताकत के आधार पर एक रणनीति विकसित करे। मुझे ताकत के आधार पर भारत की एक सुसंगत रणनीति नहीं दिख रही है। मुझे केवल सामरिक प्रतिक्रियाएं दिखाई देती हैं लेकिन नहीं रणनीतिक दृष्टि। मुझे स्थिरता दिखाई नहीं दे रही है। हमारे देश में हमारे पास जबरदस्त संस्थागत संरचनाएं हैं, हमें रणनीति विकसित करने के लिए उन संरचनाओं का उपयोग करना है ।” पाकिस्तान के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि हमें पड़ोसी मुल्क से बातचीत करने के लिए तब तक इंतजार करना पड़ेगा जब तक कि उसके पास एक सुसंगत संरचना नहीं है। उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसके पास भी पाकिस्तान के संदर्भ में सुसंगत रणनीति नहीं है।
सुषमा स्वराज पर हमला विदेश मामलों से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का मज़ाक उड़ाया और कहा कि भारत के विदेश मंत्री के पास वीजा दिलाने से बेहतर कोई काम नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वराज वास्तव में काफी सक्षम है और अगर उन्हें कुछ करने दिया गया तो तो वह वास्तव में सरकार पर मोदी का एकाधिकार तोड़ सकती हैं।