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रिपोर्ट: कोरोना महामारी से उबर रहे कनाडा में बच्चों के लिए खड़ा हुआ नया संकट, सरकार के पास भी फिलहाल इससे उबरने का नहीं है कोई उपाय

इस आंकड़े से स्पष्ट है कि गरीबों को काफी नुकसान पहुंचा है और कनाडा के कुछ हिस्सों में गरीबी में बढ़ोतरी देखने को मिली है। काम की कमी की वजह से लोग बच्चों को अच्छी शिक्षा भी नहीं दे पाते। वहीं, बीते दो साल में कोरोना महामारी की वजह से वहां उद्योग भी बंद हो गए।

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Ashutosh Pathak

Nov 25, 2021

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नई दिल्ली।

कनाडा में लगभग 13 लाख यानी साढ़े 17 प्रतिशत बच्चे गरीबी में जी रहे हैं। यह आंकड़ा कैंपेन 2000 की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सामने आया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में बच्चों की कुल आबादी का करीब साढ़े 17 प्रतिशत बच्चे गरीबी में जीने को मजबूर हैं। कैंपेन 2000 रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में ऐसे बच्चों की एक बड़ी आबादी है, जिनके पास पहनने को कपड़े नहीं है।

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यही नहीं, ऐसे बच्चों के माता-पिता की ओर से लंबे समय तक काम नहीं करने की वजह से भोजन के संकट से जूझ रहे हैं। कनाडा में गरीब आबादी बड़ी संख्या में है। काम की कमी की वजह से लोग बच्चों को अच्छी शिक्षा भी नहीं दे पाते। वहीं, बीते दो साल में कोरोना महामारी की वजह से वहां उद्योग भी बंद हो गए, जिससे लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

वर्ष 2019 से उपलब्ध नए आंकड़ों का उपयोग करते हुए जारी की गई अभियान 2000 रिपोर्ट आय, स्वास्थ्य, सामाजिक असमानताओं और बच्चे और पारिवारिक गरीबी के गहरे स्तर की एक स्पष्ट तस्वीर पेश कर रही है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस आंकड़े से स्पष्ट है कि गरीबों को काफी नुकसान पहुंचा है और कनाडा के कुछ हिस्सों में गरीबी में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वास्तव में बच्चे गंभीर स्थिति में गरीबी में जी रहे हैं।

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कनाडा में सबसे अधिक बाल गरीबी दर नुनावुत क्षेत्र में 34.4 प्रतिशत है। दूसरी ओर, मैनिटोबा प्रांत 28.4 प्रतिशत की दर के साथ किसी भी प्रांत में सबसे अधिक है। यह रिपोर्ट हाल ही में उपलब्ध टैक्स आंकड़े के आधार पर आधारित है, जो वर्ष 2019 से एकत्र किया गया है।