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कैलिर्फोनिया हमले में पत्नी की भूमिका ने बढ़ाया जिहादी दुल्हनों का खतरा:रिपोर्ट

सेन बर्नाडिनों में हमलावर के तौर पर पाकिस्तानी महिला की भूमिका ने विदेशी दुल्हनों का खतरा बढ़ा दिया है। अनुमान यह लगाए जा रहे है कि जिहाद को समर्थन देने वाली विदेशी ​महिलाऐं अमेरिका आने के लिए अमेरिकन लोगो से शादी कर सकती है। ताकि वो आसानी से अपने मिशन को पूरा सके।

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barkha mishra

Dec 13, 2015

सेन बर्नाडिनों में हमलावर के तौर पर पाकिस्तानी महिला की भूमिका ने विदेशी दुल्हनों का खतरा बढ़ा दिया है। अनुमान यह लगाए जा रहे है कि जिहाद को समर्थन देने वाली विदेशी ​महिलाऐं अमेरिका आने के लिए अमेरिकन लोगो से शादी कर सकती है। ताकि वो आसानी से अपने मिशन को पूरा सके।

जिहाद के विशेषज्ञों, अप्रवासी वकीलों और पूर्व अमेरिकी राजयनिकों का कहना है कि ऐसे कोई संकेत नही है जिनमें अन्य विदेशी दुल्हनें हमले करने के लिए पश्चिमी विवाह की मांग कर रही है। और अभी तक यह स्पष्ट नही हो पाया है कि 29 वर्षीय तशफीन​ मलिक ने अपने मिशन को पूरा करने के लिए ऐसा कुछ किया था या ​नही।

female jihadi

लेकिन दूसरी तरफ उन्होने इस बात की भी चेतावनी दी है कि वो बदल सकते है। और आईएस आतंकवादी महिलाओं को पश्चिम में हमला करने के लिए इस तरह की शादी के लिए प्रेरित कर सकते हे।

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि इस संगठन ने वर्तमान में महिलाओं को किसी भी हमले या दल में आने पर पाबंदी लगा रखी है। लेकिन आईएस के कमांडर व्यवाहारिक और परिस्थितियों के प्रति अनुकूल होते है, तो वो किसी भी समय अपने प्रतिबंद्ध को हटा सकते है।

ब्रिटिश बेस्ड इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक डायलॉग की संस्थापक शाशा हैवलिक ने कहा कि "जब उनको तबाही करने का मौका मिलता है जो ऐसे काम के लिए महिलाऐं उन्हे सबसे उपयुक्त लगती है। ऐसे में वो महिलाओं का प्रयोग करेंगे। हैवलिक में काम में महिला एक्सट्रीमिस्ट के प्रवेश पर ध्यान देना शामिल है।

शाशा ने अनुमान लगाते हुए कहा कि "हम आतंकवादी गतिविधियों में महिलाओं को और भी ज्यादा क्रियाशील होते हुए देखेंगे। यह हमें पहले से ही पता है कि इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।"

हामलैंड सिक्योरिटी विभाग के वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक आईएस के समर्थकों के कारण यह सब दूसरी दिशा पकड़ सकता है। जब से आईएस संगठन अपने चरम पर आया है तब से करीब 30 प्रतिशत महिलाओं ने आईएस से जुड़ने के लिए अमेरिका छोड़ चुकी है।

हैवलिक ने बताया कि यूरोप में ऐसी महिलाओं की तादात ज्यादा है। वहां पर 600 महिलाऐं इसी दौरान इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए अपना देश छोड़ कर जा चुकी है।

एक धार्मिक रुढ़ीवादी महिला मलिक जो पहले पाकिस्तान और साउदी अरब में रह चुकी है उसने अमेरिका में जन्मे सैय्यद फारुख से ढाई साल पहले शादी कर की थी।

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उसने 2 दिसम्बर को दक्षिण कैलिफोर्निया में अपने पति के साथ मिलकर गोलीबारी की जिसमें 14 लोगो की मौत हो गई थी।

हालांकि इससे पहले भी आतंकवादी संगठनों द्वारा महिलाओं का प्रयोग सुसाईड बॉम्बर की तरह किया जाता था। विशेषज्ञों ने बताया कि कैलिफोर्निया में हुआ हमले को आईएस की सीमाओं का उल्लंघन बताया है और इसमें मारे गए लोगो पर सार्वजनिक रुप से आईएस ने मौन धारण कर लिया था।

फारुख और उसका परिवार ने दक्षिण एशिया में रह रहे दूसरे पारम्परिक परिवारों के जैसे स्थानीय वेबसाईट को अपने परफेक्ट मैच को ढूंढ़ने के लिए इस्तेमाल किया था। हालांकि अभी तक यह पता नही चला है कि फारुख मलिक से कैसे मिला था।

ऐसी ही मैट्रीमोनियल वेबसाईट की एक प्रेस ने ऐसे रिव्यू दिखाए जिसमें पाकिस्तान परिवार अपने पासपोर्ट सहिज अमीर देशों में दूल्हा ढूंढ रहे है। जिनमें मध्य पूर्व क्षेत्रों सहित यूनाईटेड स्टेट और कनाडा शामिल है।

लियाकतपुर के एक बेहद रूढ़िवादी शहर के कवि मुनीर अनवर ने कहा कि "कैलिफोर्निया में हुए हमले के बाद हमे और भी ज्यादा सतर्क हो जाना चाहिए।

पंजाब प्रांत के शहर वहारी के एक युनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले टीचर अजीम खालिद ने कहा कि आॅनलाइन दोस्त बनाने वाले और मैच मेकिंग करने वाले लोग "आग से खेल रहे है।"

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दूल्हा और दुल्हन के लिए मंगेतर वीजा में विशेज्ञता करने वाले अप्रवासी एैरिक टी डी जूनियर ने कहा कि ऐसा नही है कि सभी पाकिस्तानी महिलाऐं मलिक की ही तरह पढ़ी लिखी हो। अधिकतर महिलाऐं पाकिस्तान की पारम्परिक परिवारों से, कम पढ़ी लिखी होती है। जो और एक हाउसवाईफ ही बनना चाहती है। यह वो वीजा है जिसके जरिए मलिक आई थी।

डीन ने कहा इस तरह के वीजा में उन्होने एक बात पर गौर किया है कि यूनाईटेड स्टेट पाकिस्तान से आने वाले सभी भावी दूल्हा और दुल्हनों को वीजा दे देता है। जिसके लिए एक अलग से सुरक्षा जांच की जाती है जिसे "प्रशासनिक प्रसंस्करण" के नाम से जाना जाता है।

लेकिन उन्हे यह याद नही है कि किसी भावी पाकिस्तानी दुल्हन पर इस तरह की कोई अतिरिक्त जांच की गई हो।

इस दौरान इस्लामिक संगठन ने सीरिया में महिलाओं को अपने ​हथियार के तौर इस्तेमाल करने के लिए भर्ती करना शुरु कर दिया था।

सुरक्षाकर्मियों सहित अन्य लोगो का कहना है कि बर्नाडिनों में हुए हमले के बाद विधि निर्माता लिंडसे ग्राहम काफी परेशान नजर आए। उन्हे यह बात स्पष्ट रुप से दिखाई दे रही थी कि विदेशी दुल्हने अमेरिकी निवासियों से इसलिए शादी कर रही है क्योकि उनको अपने मिशन को अंजाम देना होता है।

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जिहाद में आपराधिक गतिविधियों में भाग लेने पर महिलाओं पर निषेध एक प्रमुख कारण है। केवल
इमाम एक फतवा, या सत्तारूढ़ जारी करे,तब ही महिलाओं को शामिल किया जा सकता है जब उनको लड़ाने की आवश्यकता हो। इस्लामिक स्टेट ने इस के साल के शुरुआत में आॅनलाईन अपने घोषणपत्र की घोषण की थी।

वॉशिंटन में हुई एक सुनवाई के दौरान ग्राहम ने बताया था कि अगर फारुख से मलिक की शादी की योजना इस आतंकी संगठन के द्वारा की गई थी तो यह एक"गेम चेंजर" है।

ग्राहम के इस सवाल पर एफबीआई के निदेशक जेम्स कॉमे ने इस बात की गवाही दी कि इस शादी में आईएस के भागीदारी के बार में जानना बेहद, बेहद आवश्यक है।

लेकिन आईएस ने मारे गए दोनो पति पत्नी को आईएस का केवल एक "समर्थक" बताया। हमले से पहले वो फेसबुक पर दोनो दम्पति की तरफ से कसम खाई थी।