
नई दिल्ली।
तालिबान की बढ़ती ताकत अब ताजिकिस्तान जैसे उसके पड़ोसी देश के लिए खतरे की घंटी बनती जा रही है। ऐसे में ताजिकिस्तान का दोस्त रूस उसकी मदद के लिए आगे आया है।
तालिबान की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए रूस तजाकिस्तान में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। रूस ने अपने प्रमुख हथियार और सैन्य अधिकारियों को ताजिकिस्तान में तैनात भी किया है।
तजाकिस्तान में रूसी सैन्य अड्डे के प्रमुख कर्नल एवगेनी ओख्रीमेंको ने बताया कि हम नई मशीनों को तैनात करने जा रहे हैं। रूस का 201वां सैन्य अड्डा इस साल के अंत से पहले अपने पुराने लड़ाकू वाहनों को 30 उन्नत T-72B3M टैंकों से बदल देगा।
ओख्रिमेंको ने कहा कि वर्तमान में, सैन्य अड्डे का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। हम कई तरह के मिलिट्री उपकरणों को तैनात करने जा रहे हैं। इस साल के अंत तक अडवांस कॉम्बेट स्पेशिफिकेशन के साथ 30 आधुनिक टी-72 बी3एम टैंकों को तजाकिस्तान में रूसी सैन्य अड्डे तक पहुंचा दिया जाएगा। कमांडर ने कहा कि बेस के मोटर राइफल डिवीजनों को हाल ही में उन्नत बीएमपी -2 आर्मर्ड कॉम्बेट व्हीकल से लैस किया जाएगा।
कुछ दिन पहले ऐसी रिपोर्ट आई थी कि ताजिक आतंकी समूह तजाकिस्तान में घुसपैठ करने की फिराक में हैं। इसी पर रूस के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि हम तजाकिस्तान की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। ताजिक अफगानिस्तान में दूसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है। इस समूह की आबादी तजाकिस्तान की सीमा के नजदीक काफी ज्यादा है।
रूसी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पश्तून बहुल तालिबान ने एक विशेष ताजिक आतंकवादी समूह के साथ गठबंधन किया है। यह ताजिज आतंकी समूह इस समय तजाकिस्तान में घुसपैठ की योजना बना सकता है। ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन ने पहले तालिबान पर पंजशीर प्रांत की घेराबंदी के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने तालिबान शासन को मान्यता देने से भी इनकार किया है।
Published on:
25 Oct 2021 08:56 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
