
Google fine Russia
Google fine Russia: रूस ने गूगल पर '2 के आगे' 34 ज़ीरो जितना बड़ा जुर्माना लगाया है। क्रेमलिन Kremlin के प्रवक्ता ने कहा कि यह जुर्माना "दो अंडेकिलियन रूबल" है, जो दुनिया में मौजूद कुल धन राशि से भी अधिक है। रूस (Russia) की यह कार्रवाई ऐसे समय में आई है, जब गूगल ( Google) पर कई आरोप हैं, जिनमें जानकारी सेंसर करने ( censorship) और स्थानीय नियमों का पालन न करने के आरोप शामिल हैं। Kremlin ने स्पष्ट किया है कि यह जुर्माना केवल एक संकेत है कि रूस गूगल के साथ अपने संबंधों को लेकर गंभीर है और चाहता है कि गूगल अपने प्लेटफॉर्म पर रूस के नागरिकों की आवाज को स्वतंत्रता से व्यक्त करने की अनुमति दे। हालांकि, इस जुर्माने की राशि इतनी बड़ी है कि इसे सुन कर कोई भी हैरान रह जाएगा, और खुद क्रेमलिन के प्रवक्ता ने इसे पढ़ने में कठिनाई होने की बात कही है। दरअसल यह डिजिटल संप्रभुता (digital sovereignty) का मामला है।
अगर हम दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था को मिला दें तो यह कुल करीब 110 ट्रिलियन डॉलर है और जुर्माने की रकम इससे भी अधिक है। यानी रूस ने जितना जुर्माना गूगल पर लगाया है, उतनी रकम पूरी दुनिया में नहीं है। यह जुर्माना गूगल के लिए एक चुनौती है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि रूस अपनी डिजिटल संप्रभुता को बनाए रखने के लिए किस हद तक जा सकता है ।रूस ने गूगल पर लगाए गए जुर्माने की राशि, जो दो अंडेकिलियन रूबल के बराबर है, वास्तव में इतनी विशाल है कि इसे समझना भी मुश्किल है। एक अंडेकिलियन की गणना में 36 शून्य होते हैं, जिससे यह राशि कल्पना से परे हो जाती है। यह जुर्माना न केवल गूगल के लिए एक बड़ी चुनौती है, बल्कि यह रूस की इंटरनेट नीति और उसकी संप्रभुता भी दर्शाता है।
रूस ने यह जुर्माना कई कारणों से लगाया है। रूस का आरोप है कि गूगल ने कई रूसी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो सरकारी नीतियों या उसके दृष्टिकोण के खिलाफ सामग्री का प्रचार करते हैं। गूगल पर आरोप है कि उसने रूस के डिजिटल कानूनों का पालन नहीं किया, जैसे डेटा स्थानीय स्तर पर स्टोर करना और अन्य नियमों का पालन करना।
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि यह जुर्माना वास्तव में प्रतीकात्मक है और इसका मुख्य उद्देश्य गूगल को यह बताना है कि उसे रूस में अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जुर्माने की यह राशि दुनिया के सभी धन से अधिक होने के बावजूद, इसका असली मकसद गूगल को संवाद के लिए प्रेरित करना है।
यह जुर्माना न केवल गूगल, बल्कि अन्य अंतरराष्ट्रीय टेक कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में कार्य कर सकता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि रूस अपने डिजिटल क्षेत्र में अधिक से अधिक नियंत्रण चाहता है और विदेशी कंपनियों से अपेक्षा करता है कि वे स्थानीय नियमों का पालन करें।
रूस का यह कदम यह संकेत देता है कि अगर गूगल और अन्य तकनीकी कंपनियां अपने प्लेटफार्मों पर रूस के कानूनों का पालन नहीं करती हैं, तो उन्हें गंभीर वित्तीय दंड का सामना करना पड़ सकता है। यह घटना वैश्विक स्तर पर डिजिटल स्वतंत्रता और सेंसरशिप के मुद्दों पर भी चर्चा को जन्म दे सकती है। बहरहाल रूस की ओर से गूगल पर लगाए गए जुर्माने की कहानी केवल एक वित्तीय दंड नहीं है, बल्कि यह डिजिटल संप्रभुता, इंटरनेट स्वतंत्रता और वैश्विक तकनीकी संबंधों के जटिल मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती है।
Updated on:
02 Nov 2024 06:05 pm
Published on:
02 Nov 2024 03:38 pm
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