
Indians in Russian Army
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) में रूस की सेना में शामिल 12 भारतीय नागरिकों (Indian citizens) की मौत हो चुकी है, जबकि 16 अभी भी लापता हैं। भारत सरकार ने इन नागरिकों की सुरक्षा और वापसी के लिए रूस से मांग की है। इधर रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कहा कि रूस ने भारत को सूचित किया है कि रूस की सेना (Russian army) में से 16 भारतीय लापता (missing Indians) हैं। मंत्रालय ने कहा कि रूस की सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों को वापस भेजने का आग्रह किया गया है। उसने पुष्टि की कि रूस की सेना में कार्यरत 12 भारतीयों की अब तक मौत हो चुकी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दावा किया है कि रूस की सेना में भारतीय नागरिकों के काम करने के 126 मामले हैं। इन 126 में से 96 लोग भारत लौट चुके हैं और उन्हें रूस की सशस्त्र बलों से मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रूस की सेना में अब भी 18 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 16 का अता-पता नहीं है। जायसवाल ने कहा कि रूस ने इन्हें लापता की श्रेणी में रखा है, जो अब भी सेना में हैं हम उन्हें मुक्त करने और वापस भेजने की मांग करते हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में केरल के रहने वाले एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी। केरल के त्रिशूर के रहने वाले 32 वर्षीय बिनिल बाबू रूस की सेना में भर्ती थे और वह यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह मामला स की सरकार के सामने उठाया था। मंत्रालय ने कहा था कि भारत ने रूस की सेना में शामिल किए गए देश के अन्य लोगों को भी जल्द भारत भेजने की अपनी मांग दोहराई है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गत वर्ष अगस्त में इस मुद्दे पर कहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आश्वासन मिला है कि जो भी भारतीय नागरिक रूस की सेना की सेवा में है, उन्हें सेवा से हटा कर बाहर कर दिया जाएगा। भारत का इस पूरे मामले पर रुख पहले से ही स्पष्ट है और रूस के सामने यह मुद्दा उठाया जा चुका है।
हाल ही में, केरल के त्रिशूर जिले के 32 वर्षीय बिनिल बाबू की रूस की सेना में सेवा करते हुए मौत हो गई। बिनिल बाबू रूस की सेना में भर्ती हुए थे और वह यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे। उनकी मौत के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले को रूस के समक्ष उठाया और रूस से उनके शव की वापसी के अलावा अन्य भारतीय नागरिकों को भी शीघ्र वापस भेजने का अनुरोध किया था।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अगस्त 2024 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस मुद्दे पर बातचीत की थी। पुतिन ने भारत को आश्वासन दिया था कि जो भी भारतीय नागरिक रूस की सेना में भर्ती हुए हैं, उन्हें सेवा से हटा लिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेजा जाएगा। इस आश्वासन के बावजूद अब तक 16 भारतीय नागरिक लापता हैं, जिन्हें रूस की सेना ने ‘‘लापता’’ श्रेणी में रखा है।
भारत का इस मामले पर रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है। भारत सरकार ने रूस के सामने यह मुद्दा बार-बार उठाया है और नागरिकों की वापसी की मांग की है। मंत्रालय ने रूस से इन नागरिकों को जल्द से जल्द मुक्त करने और उन्हें भारत लौटाने की अपील की है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब यह देखा जाता है कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे वहां के हालात और जटिल हो गए हैं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके जीवन की रक्षा सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है और भारत इस संबंध में हर संभव कदम उठा रहा है।
Updated on:
17 Jan 2025 08:28 pm
Published on:
17 Jan 2025 08:25 pm
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