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नर्सों की नौकरी नहीं ले पाएगा एआई, ऑल्टमैन का दावा

जिस तेज़ी से एआई बढ़ रहा है, भविष्य में कई नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है। लेकिन अब ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने एआई के विषय में एक बड़ा दावा किया है।

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भारत

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Tanay Mishra

Sep 22, 2025

AI

AI (Representational Photo)

एआई यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI – Artificial Intelligence) तेज़ी से बढ़ रहा है। एआई की दुनिया में आए दिन ही कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। ऐसे में इसकी उपयोगिता भी बढ़ रही है, जिससे इसका दुनियाभर में इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है। आज एआई का इस्तेमाल कई सेक्टर्स में हो रहा है। हालांकि एआई के फायदे होने के साथ कई नुकसान भी हैं। कई लोग इस बात की आशंका जताते हैं कि भविष्य में एआई की वजह से कई नौकरियों पर संकट छा जाएगा।

सैम ऑल्टमैन की चेतावनी

एआई को तेज़ी से आगे बढ़ाने में जिस कंपनी की सबसे अहम भूमिका रही है, वो है ओपनएआई (OpenAI)। ओपनएआई ही चैटजीपीटी (ChatGPT) की पेरेंट कंपनी है, जिसने एआई की दुनिया ही बदल दी। चैटजीपीटी की ही तर्ज पर आज कई बड़ी कंपनियाँ, एआई बेस्ड अपना खुद का चैटबॉट लॉन्च कर रही है। ओपनएआई और चैटजीपीटी की सफलता में कंपनी के सीईओ सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) की अहम भूमिका रही है। लेकिन इसी बीच अब ऑल्टमैन ने एक चेतावनी दे दी है। ऑल्टमैन ने कहा है कि जिस तरह से एआई विकसित हो रहा है, वो आने वाले समय में दुनियाभर के कार्यस्थलों को बदल देगी और सबसे पहले प्रोग्रामिंग और कस्टमर सर्विस नौकरियाँ प्रभावित होंगी।

कोडिंग हुई बेहद आसान

ऑल्टमैन ने कहा कि एआई टूल्स की मदद से अब कोडिंग बेहद आसान हो चुकी है। इससे प्रोग्रामरों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी है। उन्होंने यह भी कहा कि फोन और कंप्यूटर आधारित कस्टमर सपोर्ट का बड़ा हिस्सा आने वाले समय में एआई से पूरी तरह बदल जाएगा।

नर्सों की नौकरी नहीं ले पाएगा एआई

ऑल्टमैन ने यह दावा भी किया है कि भले ही एआई कितना भी विकसित क्यों न हो जाए, वो नर्सों की नौकरी नहीं ले पाएगा। ओपनएआई के सीईओ ने कहा कि नर्सों की नौकरी सहानुभूति और मानवीय जुड़ाव वाली होती हैं, जिन पर एआई का कोई असर नहीं पड़ेगा। ऑल्टमैन ने कहा कि भविष्य के बारे में कोई नहीं जानता, लेकिन यह तय है कि इंसानी स्पर्श और भावनात्मक संवाद की जगह मशीनें नहीं ले पाएंगी।