8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वैज्ञानिकों ने लैब में बनाई इंसानी त्वचा, महसूस भी कर सकती है यह स्किन

ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने लैब में एक ऐसी इंसानी त्वचा तैयार की है जो महसूस भी कर सकती है।

less than 1 minute read
Google source verification

भारत

image

Tanay Mishra

Aug 22, 2025

Queensland scientists

Scientists create living human skin (Photo - University Of Queensland)

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के फ्रेजर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दुनिया में पहली बार लैब में ऐसी त्वचा तैयार की है जो महसूस कर सकती है। 6 साल की रिसर्च के बाद तैयार यह मॉडल पहला ऐसा 'ह्यूमन स्किन ऑर्गेनॉइड' है, जिसमें खुद की रक्त आपूर्ति है। मानव त्वचा कोशिकाओं को लेकर उन्हें स्टेम सेल में रीप्रोग्राम करते हुए यह त्वचा तैयार की गई। इससे पहले तक बने मॉडल केवल पतली परत व एक कोशिका प्रकार तक सीमित थे, लेकिन नए मॉडल में रक्त वाहिकाएं कोशिकाएं और रोम कूप भी है।

नए इलाज विकसित करने में क्रांतिकारी

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह उन्नत त्वचा मॉडल, दुर्लभ आनुवंशिक त्वचा रोगों के अध्ययन से लेकर नए इलाज विकसित करने में क्रांतिकारी साबित होगा। हालांकि इंसानी उपयोग तक पहुंचने से पहले इस तकनीक को कई और प्रयोगों और जटिल चरणों से गुज़रना होगा।

सामान्य से दुर्लभ त्वचा रोगों में मददगार

वैज्ञानिकों के अनुसार यह खोज, सोरायसिस, एटॉपिक डर्मेटाइटिस और स्क्लेरोडर्मा जैसे सामान्य रोगों के साथ-साथ एपिडर्मोलाइसिस बुलोसा (ईबी) जैसी दुर्लभ बीमारी पर भी मददगार हो सकती है। ईबी को 'बटरफ्लाई डिज़ीज़' कहा जाता है क्योंकि इसमें मरीज की त्वचा तितली के पंखों जितनी नाजुक हो जाती है।

भविष्य में इस तकनीक से हो सकते हैं काफी फायदे

दुनिया में हर साल लगभग 3 लाख मेलानोमा और 12 से 63 लाख गैर-मेलानोमा त्वचा कैंसर के मामले सामने आते हैं। ऐसे मामलों की दर क्वींसलैंड में सबसे ज़्यादा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में इस तकनीक से जलने, गंभीर चोट या कैंसर जैसी परिस्थितियों में स्किन ग्राफ्टिंग के लिए नई उम्मीद मिलेगी। नए विकसित किए गए ऑर्गेनॉइड्स केवल सुरक्षा परत नहीं होंगे, बल्कि इनमें संवेदनशीलता, बाल और स्वेद ग्रंथियां भी मौजूद रहेंगी। यानी कि प्रत्यारोपित त्वचा मरीज को वास्तविक जैसी महसूस होगी।