
वॉशिंगटन। टर्मिनेटर वापस आ गया है। इस बार 'रील' लाइफ में नहीं बल्कि रियल लाइफ में। वैज्ञानिकों ने टर्मिनेटर-2 की तरह असल लाइफ में एक छोटा सा रोबोट बना लिया है जो एक कमांड पर खुद को पिघला लेगा और फिर वापस ठोस और मूर्त रूप में साकार कर लेगा। इससे यह किसी भी बंद परिसर या सलाखों के पीछे से निकल भी पाएगा या फिर उसमें प्रवेश भी कर पाएगा। साइंस मैग्जीन ने इस रोबोट का एक वीडियो भी ट्वीट किया है। यह रोबोट इस मायने में 'टर्मिनेटर 2 - जजमेंट डे' के रोबोट टी-1000 की हूबहू नकल है कि इस रोबोट में आकार बदलने की क्षमताएं हैं। मैग्जीन 'मैटर' में प्रकाशित एक शोध में दावा किया गया है।
इस धातुओं से बना है रोबोट
इस रोबोट को बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने चुंबकीय नियोडिमियम, बोरॉन और लोहे के सूक्ष्म टुकड़ों को कम गलनांक वाली एक धातु तरल गैलियम में मिलाया और फिर जमने के लिए छोड़ दिया। वैज्ञानिकों ने छोटे रोबोट को पिघलने का आदेश देने के लिए मैग्नेट का इस्तेमाल किया है। फिर रोबोट को एक आकार रहित द्रव में बदलकर उसको एक पिंजरे की सलाखों के बीच से पिघलते हुए निकलकर और बाहर फिर से खुद को रोबोट के रूप में खड़े होने को रिकॉर्ड किया है।
द चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के एक इंजीनियर और शोध के प्रमुख लेखक चेंगफेंग पैन ने बयान में कहा, कि 'रोबोट को तरल और ठोस अवस्थाओं के बीच आवाजाही की क्षमता देने से उनको अधिक कार्यक्षमता मिलती है।'
समुद्री जीव से कुकु्म्बर से मिली प्रेरणा
वैज्ञानिकों के अनुसार उनको समुद्री जीव कुकुम्बर से इस रोबोट को बनाने की प्रेरणा मिली। ये जीव जरूरत अनुसार खुद को ठोस और नरम अवस्था में बदलते रहने के लिए जाना जाता है। इस बीच में इसका वजन भी घटता और बढ़ता रहता है।
इस तरह किया प्रयोग
इस रोबोट को बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने रोबोट को मैग्नेटिक इंडक्शन की प्रक्रिया से गर्म किया। इस रोबोट के अंदर विद्युत करंट प्रवाहित करने के लिए एक घूमती हुई चुंबक का इस्तेमाल किया गया। करंट से गैलियम पिघल गया और इसके अंदर के चुबंकीय तत्व ने इसे चुंबक की ओर खींचने का काम किया। कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के एक मैकेनिकल इंजीनियर और शोध के वरिष्ठ लेखक कार्मेल मजीदी के अनुसार, यहां चुंबकीय कणों की दो भूमिकाएँ हैं। पहली, यह धातुओं को अन्य मैग्नेटिक फील्ड के प्रति सक्रिय बनाती है, जिससे इंडक्शन के माध्यम से धातुएं गर्म हों और अवस्था बदल सकें। साथ ही चुंबकीय कण रोबोट को मैग्नेटिक फील्ड के अनुसार गतिमान बनाते हुए उसे अनुकूल दिशा भी देते हैं।
यहां होगा उपयोग
शोधकर्ताओं ने इस रोबोट का प्रयोग पहले ही कई समस्याओं का सुलझाने में किया है, जैसे कि ऐसे जगह पर किसी सर्किट की दुरुस्त करना जहां पहुंचना मुश्किल होता है और फिर इसको ठोस में बदल देना। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि कई मेडिकल और प्रोद्योगिकीय क्षेत्रों में इस रोबोट की अपार संभावनाएं हैं।
Published on:
29 Jan 2023 11:10 pm
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