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BLACK HOLE : ब्रह्मांड में मिला अब तक का दूसरा सबसे बड़ा ‘ब्लैक हॉल’

-यह ब्लैक हॉल (black hole) सूर्य के द्रव्यमान से 66 अरब गुना भारी है। - इसका फैलाव सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी से 800 गुना अधिक है, जो 100 अरब किलोमीटर से अधिक है।

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BLACK HOLE : ब्रह्मांड में मिला अब तक का दूसरा सबसे बड़ा ‘ब्लैक हॉल’

BLACK HOLE : ब्रह्मांड में मिला अब तक का दूसरा सबसे बड़ा ‘ब्लैक हॉल’

जयपुर.

खगोलविदों ने पृथ्वी से लगभग 70 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर एक विशालकाय ब्लैक हॉल खोजा है, जो दूसरा सबसे बड़ा है। खगोलविदों के मुताबिक इसका वजन सूर्य से 40 अरब गुना अधिक है। सबसे बड़ा ब्लैकहोल टीओएन 618 है, जो केनेस वेनेटिकी तारामंडल में है। यह सूर्य के द्रव्यमान से 66 अरब गुना भारी है। सूर्य का वजन दो ऑक्टालियन माना जाता है। ये गैलेक्सी होम 15ए में मौजूद है। इसका फैलाव सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी से 800 गुना अधिक है, जो 100 अरब किलोमीटर से अधिक है।

ब्लैक हॉल का अनुमान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष ढंग से किया जाता है। आमतौर पर अप्रत्यक्ष तरीके से ही अनुमान किया जाता है। लेकिन पहली बार खगोलविदों ने पृथ्वी से 7 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर झांकने का प्रयास किया है। हाल ही ‘द एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल’ में प्रकाशित पेपर में लेखक जेम्स थॉमस ने बताया कि इससे पहले कभी इतनी दूरी का अवलोकन नहीं किया गया है। अन्य लेखक रॉबर्टो स्गालिया ने कहा, यह पहले के अप्रत्यक्ष प्रणाली से माप की बजाय कहीं अधिक सटीक है।

क्या है ब्लैक हॉल
ब्लैक हॉल अंतरिक्ष में विशाल खगोलीय संरचना है। जैसे पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण है, वैसे ही ब्लैक हॉल का गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि प्रकाश की किरणें भी इससे बाहर नहीं आ पाती। यानी यह प्रकाश को भी अवशोषित कर लेता है। यदि कोई पिंड, तारा अथवा ग्रह ब्लैक हॉल के निकट से गुजरता है तो वह इसके गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं पाता और इसमें समा जाता है। इसका द्रव्यमान लाखों सूर्य के बराबर होता है।