
South Korea lower Fertility Rate cause its Elimination From World Map
Fertility Rate: ज्यादा जनसंख्या इस दुनिया के लिए परेशानी की सबब बनी हुई है लेकिन कई देशों में जरूरत से कम जनसंख्या और बूढ़ी होती जनसंख्या (Population) और ज्यादा मुसीबत खड़ी कर रही है। इन्हीं में से एक देश के ऊपर तो दुनिया से गायब होने का ही खतरा मंडराने लगा है। ये देश है साउथ कोरिया। साउथ कोरिया (South Korea) में पिछले हफ्ते वहां के सांख्यिकी विभाग ने जनसंख्या को लेकर कुछ आंकड़े पेश किए थे। जिसमें देश की प्रजनन दर के बारे में बताया गया था कि वो निचले स्तर पर चली गई है। जिसकी वजह से अब साउथ कोरिया (Fertility Rate in South Korea) के अस्तित्व पर ही संकट आ खड़ा हो गया है। विभाग के दिए आंकड़ों के मुताबिक इस सदी के आखिरी तक साउथ कोरिया की जनसंख्या लगभग एक तिहाई रह जाएगी।
दक्षिण कोरिया के सांख्यिकी विभाग के जारी आंकड़ों के मुताबिक 2023 में प्रजनन दर बीते साल 2022 के मुकाबले में 8 प्रतिशत तक गिर गई है। जो इस साल इसके और गिरकर 0.6 होने की बात कही जा रही है। इसे लेकर विशेषज्ञों ने अलर्ट जारी किया है कि अगर ये गिरावट इसी तरह से होती रही तो इस सदी के अंत तक यानी 2100 तक देश में सिर्फ एक तिहाई जनसंख्या ही रह जाएगी जो वर्तमान में कुल 5.1 करोड़ है।
दक्षिण कोरिया में लोग बच्चों को जन्म देने से बच रहे हैं, इसके बारे में बात भर करने से वे झुंझुला जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके पीछे कई सामाजिक, आर्थिक वजहें हैं। इसमें सबसे बड़ी वजह है कि बड़ी संख्या में महिलाएं आजादी का जीवन जीने की तरफ बढ़ रही हैं, वे शादी कर किसी बंधन में बंधना नहीं चाहती हैं। आधुनिक कोरियाई महिलाएं करियर को ऊपर रखकर चल रही हैं। वे बताती हैं कि बच्चे पैदा करने और करियर में आगे बढ़ने के बीच तालमेल बिठाना मुश्किल है।
दूसरा सबसे बड़ा कारण दक्षिण कोरिया में वर्किंग ऑवर्स का लंबा होना। यहां लोग लंबे समय तक काम करते हैं, जिससे परिवार के लिए समय निकालना मुश्किल होता है। तीसरा कारण साउथ कोरिया में महंगा जीवन यापन और बेरोजगारी की दर का ज्यादा होना है।
साउथ कोरिया जो इन दिनों सियासी भूचाल से दो चार हो रहा है। वो अपने देश में प्रजनन दर या जन्म दर बढ़ाने की तरह-तरह के उपाय कर रहा है। जिसमें कपल को बच्चा पैदा करने के लिए आर्थिक सहायता देने की भी बात कही जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक साउथ कोरिया की सरकार लोगों को हर बच्चे के जन्म पर 10 करोड़ वॉन यानी भारतीय रुपयों में 59 लाख रुपये देने की बात पर विचार-विमर्श कर रही है।
इसके अलावा बच्चों के पालन पोषण के लिए मासिक भत्ता, माता-पिता को बच्चे के बड़े होने तक मातृत्व और पितृत्व अवकाश देना, छोटे बच्चों की देखभाल के लिए केंद्र खोलना, लोगों के लिए फ्लेक्सिबल वर्क ऑवर देने की सुविधा, बच्चों की फ्री पढ़ाई और कोचिंग, शादी के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना, और तो और संबंध बनाने पर भी जोर दे रही है। हालांकि आर्थिक सहायता के अलावा बाकी सभी योजनाए सरकार पहले से चला रही है लेकिन फिर भी प्रजनन दर बढ़ाने में जरा भी सफलता हासिल नहीं हुई।
Published on:
06 Dec 2024 11:39 am
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