
South Korea President Yoon Suk Yeol
South Korea President Arrest: दक्षिण कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति यून सुक-योल को अधिकारियों ने बुधवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। वे (Yoon Suk Yeol) अब देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्हें अल्पकालिक मार्शल लॉ लागू करने के चलते गिरफ्तार किया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ कोरिया के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय यानी CIO, राष्ट्रीय जांच कार्यालय (NOI) और रक्षा मंत्रालय के जांच मुख्यालय से बनी एक संयुक्त जांच यूनिट ने कहा है कि यून सुक-योल को स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10:33 बजे गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार यून को लेकर आने वाले वाहन मध्य सोल स्थित उनके आवास से बाहर निकले, जहां से उन्हें सोल के दक्षिण में ग्वाचियोन स्थित सीआईओ कार्यालय में पूछताछ के लिए ले जाया गया। इसके बाद, उन्हें कार्यालय से केवल 5 किमी दूर उइवांग स्थित सियोल डिटेंशन सेंटर में हिरासत में ले लिया गया।
सीआईओ को 48 घंटों के अंदर यह फैसला लेना होगा कि क्या यून सुक-योल को आगे की पूछताछ के लिए 20 दिनों तक हिरासत में रखने के लिए अलग से वारंट लिया जाए या उन्हें रिहा किया जाए। यून सुक-योल देश के आधुनिक इतिहास में गिरफ्तार होने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं।
जानकारी के अनुसार, दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति निवास की सुरक्षा करने वाली एक सैन्य इकाई ने मंगलवार को पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (सीआईओ) के अधिकारियों को राष्ट्रपति निवास में प्रवेश की मंजूरी दी थी। यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार किया जा सके। हालांकि, बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 14 दिसंबर को उन पर लगे महाभियोग के बाद से दक्षिण कोरिया राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है।
बता दें कि 3 दिसंबर को यून ने साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगा दिया था। जिसका उनकी ही पार्टी समेत विपक्षियों और जनता ने खासा विरोध किया था। ये विरोध इतना जबरदस्त था कि जनता संसद भवन के बाहर पहुंच कर प्रदर्शन करने लगी थी और तो और लोगों ने संसद में घुसने तक की कोशिश की थी। ये सब देखते हुए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लागू करने के 6 घंटे बाद फैसला पलट दिया था। लेकिन 14 दिसंबर को इसके विरोध में नेशनल असेंबली ने यून पर महाभियोग लगा दिया था। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने के लिए वहां की नेशनल असेंबली के सदस्यों ने 204 से 85 मतों से मतदान किया था।
नेशनल असेंबली के 3 सदस्यों ने वोटिंग नहीं की थी जबकि 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए। मतदान में महाभियोग के लिए जरूरी दो-तिहाई वोट थे। असेंबली के सभी 300 सदस्यों ने अपने मत डाले। इस महाभियोग के बाद यून को राष्ट्रपति पद से निलंबित कर दिया गया था।
मार्शल लॉ लगाना सुक एक सबसे बड़ी गलती थी, इसका अहसास होते ही सुक ने टीवी पर आकर जनता से माफी मांगी थी। सुक ने कहा था कि उन्हें इसके लिए खेद है। उनके इस फैसले से जिन लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, उनसे वे माफी मांगते हैं। यून ने कहा था कि उन्होंने हताशा और निराशा की वजह से मार्शल लॉ लगाया था। वे मार्शल लॉ की लागू करने के फैसले के कानूनी और राजनीतिक जिम्मेदारी से नहीं बचेंगे। उन्होंने कहा कि वे अब कभी दोबारा मार्शल लॉ नहीं लगाएंगे।
सिर्फ इतना ही नहीं यून को ये भी आभास हो गया था कि वे अब इस महाभियोग ने बच नहीं सकेंगे इसलिए उन्होंने अपने राष्ट्रपति पद के भविष्य को लेकर कहा था कि वे अपने कार्यकाल समेत देश को स्थिर करने का काम अपनी पार्टी को सौंप देंगे। भविष्य में देश के मामलों के प्रबंधन के लिए उनकी पार्टी और सरकार पूरी तरह जिम्मेदार होगी।
Updated on:
15 Jan 2025 11:22 am
Published on:
15 Jan 2025 11:21 am
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