
स्विटजरलैंड में विवादास्पद 'सुसाइड पॉड' (Suicide Pod) का उपयोग करके अपनी जान देने वाली पहली महिला की गर्दन पर गला घोंटने के निशान पाए जाने से इस पॉड का उपयोग विवादों में आ गया है। डॉ. फिलिप नित्शके द्वारा विकसित सरको पॉड को गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए गरिमा के साथ अपना जीवन समाप्त करने का एक दर्द रहित तरीका बताया गया था। पॉड में रहने वाला व्यक्ति एक बटन दबाकर खुद को मार सकता है। बटन दबाने से चैंबर में नाइट्रोजन गैस भर जाती है। डॉ. नित्शके का दावा है कि पॉड त्वरित, शांतिपूर्ण और गरिमापूर्ण मृत्यु प्रदान कर सकता है। सितंबर में सबसे पहले एक अनाम 64 वर्षीय अमेरिकी महिला ने इस पॉड का उपयोग किया था। पाॅड का संचालन सहायता प्राप्त मृत्यु समूह, द लास्ट रिज़ॉर्ट द्वारा किया जाता है। पॉड के इस्तेमाल के तुरंत बाद स्विस पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अब डच समाचार पत्र डी वोल्क्सक्रांट की एक रिपोर्ट ने इस बात पर संदेह जताया है कि क्या पॉड का वास्तव में उपयोग किया गया था या इसमें कोई खराबी थी।
सुसाइड पॉड दिखने में किसी आराम करने वाले कैप्सूल की तरह है, जैसा एयरपोर्ट पर लगा होता है। इसे थ्रीडी प्रिंटर के जरिए बनाया गया है, जो एक प्लेटफॉर्म पर रखा जाता है। इसमें तरल नाइट्रोजन का कनस्तर होता है, जिससे निकलने वाली गैस इंसान को धीरे-धीरे मार देती है।
इस मशीन को साल 2019 में पहली बार दुनिया के सामने लाया गया था। इसमें एक चिकित्सक की देखरेख में एक व्यक्ति अपना जीवन खत्म कर सकता है। ऑक्सीजन न होने और नाइट्रोजन गैस के कारण हाइपोक्सिया से व्यक्ति की मौत हो जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक मरने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को पहले एक मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन से गुजरना होगा। इसके बाद वह कैप्सूल में लेट जाएगा, जिसका ढक्कन बंद कर दिया जाएगा। बटन दबाने से पहले उसे पॉड के ऑटोमैटिक सवालों का जवाब देना पड़ेगा।
Updated on:
05 Nov 2024 01:30 pm
Published on:
05 Nov 2024 12:53 pm
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