
तालिबान ने अफगानिस्तान में रहने वाली महिलाओं की नौकरी और शिक्षा को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। तालिबान के फरमान के अनुसार, अफगानिस्तान में महिलाओं को पर्दे में रहना होगा। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि देश में सिर्फ हिजाब पहनने वाली महिलाओं को ही शिक्षा और रोजगार का अधिकार मिलेगा। साथ ही तालिबान ने अमरीका को भी साफ कहा है कि वह उनके देश की संस्कृति को बदलने की कोशिश न करें।
'संस्कृति' में माना जाएगा हस्तक्षेप
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक अमरीकी न्यूज चैनल से कहा है कि महिलाओं के अधिकार को लेकर अमरीका अपना नजरिया अफगानिस्तान पर न थोपे। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अमरीका ऐसा करता है तो इसे उनकी संस्कृति में हस्तक्षेप माना जाएगा। सुहैल शाहीन का कहना है कि हिजाब के बिना महिलाओं की शिक्षा का विचार पश्चिमी है और यह अफगानिस्ता की संस्कृति के अनुकूल नहीं ह। साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा कि तालिबान इसके पक्ष में नहीं है।
पर्दे में रहकर काम और शिक्षा से कोई समस्या नहीं
तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अगर अफगानिस्तान में महिलाएं हिजाब में रहेंगी तो महिलाओं के अधिकार को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा। उनका कहना है कि यहां महिलाएं हिजाब में रहकर काम कर सकती हैं और शिक्षा भी ले सकती हैं। सुहैल का कहना है कि हिजाब में रहने पर महिलाओं की शिक्षा या काम से तालिबान को कोई दिक्कत नहीं होगी।
महिलाएं कर रहीं विरोध प्रदर्शन
अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने के बाद से महिलाओं में डर पैदा हो गया है। उनको लगता है कि तालिबान सरकार उनके अधिकार छीनी लिए जाएंगे। ऐसे में अफगानिस्तान की कुछ महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ महिलाओं का विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया है। काबुल में महिलाओं के अधिकारों की आवाज उठा रहीं एक्टिविस्ट को तालिबानियों ने आंसू गैस छोड़कर रोकने की कोशिश की। दो दिन से प्रदर्शन कर रहीं इन महिलाओं का कहना है कि नई सरकार में उनकी भागीदारी होनी चाहिए और अहम भूमिका मिलनी चाहिए।
Published on:
04 Sept 2021 06:17 pm
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