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तालिबान का फरमान: यूनिवर्सिटी में नहीं पढ़ सकेंगी महिलाएं, छात्रों ने किया कक्षाओं का बहिष्कार, प्रोफेसरों ने दिए इस्तीफे

Afghanistan: Taliban ban women from universities: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने तत्काल प्रभाव से निजी और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह देश में महिलाओं के अधिकार और आजादी पर तालिबान का नया हमला है। विश्वविद्यालय शिक्षा से छात्राओं पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान के फैसले के विरोध में विश्वविद्यालयों के कुछ छात्रों ने अपनी परीक्षा छोड़ दी। कई पुरुष प्रोफेसरों ने भी इस्तीफा दे दिया है।

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Taliban have banned women from universities in Afghanistan

अधिक उदार शासन और महिलाओं और अल्पसंख्यक अधिकारों का वादा करने के बावजूद तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता में दोबारा आने के बाद पहले शासनकाल की तरह ही शरिया की अपनी कठोर व्याख्या को लागू किया है। अब तालिबान सरकार की एक बैठक के बाद महिलाओं और लड़कियों के विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है।


जल्द से जल्द प्रतिबंध लगाने का आदेश
उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया एक पत्र, निजी और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को इस प्रतिबंध को जल्द से जल्द लागू करने और प्रतिबंध लगने के बाद मंत्रालय को सूचित करने के लिए कहता है। विश्वविद्यालय प्रतिबंध अफगान लड़कियों द्वारा अपनी हाई स्कूल स्नातक परीक्षा देने के हफ्तों बाद आया है। तालिबान ने तीन महीने पहले देश भर के अधिकांश प्रांतों में हजारों लड़कियों और महिलाओं को विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। लेकिन उन विषयों पर प्रतिबंध थे जिनके लिए वे आवेदन कर सकी थीं। इंजीनियरिंग, अर्थशास्त्र, पशु चिकित्सा विज्ञान और कृषि अवरुद्ध और पत्रकारिता सख्त रूप से प्रतिबंधित विषय थे।

महिलाओं व लड़कियों पर पाबंदियों का अम्बार
अफगानिस्तान में शासन में आने के बाद तालिबान मिडिल स्कूल और हाई स्कूल में लड़कियों पर प्रतिबंध लगा चुका है। महिलाओं को अधिकांश रोजगार से प्रतिबंधित कर दिया गया है और उन्हें सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक के कपड़े पहनने का आदेश दिया है। महिलाओं के पार्क और जिम में जाने पर भी पाबंदी है।

यूएन और अमरीका ने जताया विरोध
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने कहा कि यह समान शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करने वाला एक नया निम्न स्तर है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा, तालिबान तब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय का वैध सदस्य होने की उम्मीद नहीं कर सकता जब तक कि वह अफगानिस्तान में सभी के अधिकारों का सम्मान नहीं करता है। कोई भी देश तब तक तरक्की नहीं कर सकता जब तक उसकी आधी आबादी के पैरों में बेड़ियां बांध दी जाती हो।

अपने हिसाब से देश चला रहे कट्टरपंथी
तालिबान ने देश से अमेरिका की वापसी के बाद पिछले साल सत्ता पर कब्जा करने के बाद एक उदार शासन का वादा किया था। हालाँकि कट्टरपंथियों ने देश में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को वापस लेना जारी रखा है। तालिबान के नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा और उसका सर्कल आधुनिक शिक्षा के खिलाफ रहे हैं विशेष रूप से लड़कियों और महिलाओं के लिए। एक महीने से अधिक समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि तालिबान सरकार महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर प्रतिबंध लगाएगी।