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Trump Tariff: टैरिफ की मार से बचा भारत, अमेरिका ने किया लिस्ट से बाहर

No Tariff on India: ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को स्थगित करते हुए 1 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया है। अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 को भारत सहित कई देशों पर 26% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की थी।

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Jul 10, 2025
Trump Tariff Policy (ANI)

Trump Tariff Policy: भारत को अमेरिका के प्रस्तावित टैरिफ की मार से फिलहाल राहत मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में लगभग 20 देशों को बढ़े हुए सीमा शुल्क (Tariff) लागू करने के लिए पत्र भेजे, लेकिन भारत को इस सूची से बाहर रखा गया है। यह भारतीय निर्यातकों, विशेष रूप से टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटो पार्ट्स और आईटी सेक्टर के लिए बड़ी राहत की खबर है, जिनका बड़ा हिस्सा अमेरिकी बाजारों पर निर्भर है।

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1 अगस्त 2025 तक मिली छूट

अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 को भारत सहित कई देशों पर 26% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की थी, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब इस छूट को 1 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया गया है, जिससे भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए और समय मिल गया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे।

डेयरी और कृषि क्षेत्र में असहमति

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं में सकारात्मक प्रगति के संकेत मिले हैं। ट्रंप ने कहा कि वह भारत के साथ व्यापार समझौते के करीब हैं, हालांकि डेयरी और कृषि क्षेत्रों में कुछ असहमतियां बनी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच एक मिनी ट्रेड डील पर सहमति बन चुकी है, हालांकि औपचारिक घोषणा अभी बाकी है।

1 अगस्त के बाद नहीं मिलेगी छूट

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का इस सूची से बाहर रहना अमेरिका की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के बावजूद दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्तों का परिणाम है। हालांकि, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि 1 अगस्त के बाद टैरिफ छूट को और नहीं बढ़ाया जाएगा, जिससे भारत को जल्द से जल्द समझौता अंतिम रूप देने की जरूरत है।

जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों पर लगाया टैरिफ

इस बीच, जापान, दक्षिण कोरिया, इराक और बांग्लादेश जैसे देशों पर 20% से 30% तक टैरिफ लगाए गए हैं। भारत के लिए यह राहत अस्थायी हो सकती है, और विशेषज्ञों का कहना है कि यदि व्यापार समझौता समय पर पूरा नहीं हुआ, तो भारत को भी भविष्य में टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। भारत सरकार और व्यापार मंत्रालय इस अवसर का उपयोग कर अमेरिका के साथ एक संतुलित समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि भारतीय निर्यातकों को लंबे समय तक राहत मिल सके।

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