
Abdus Salam Pintu
बांग्लादेश (Bangladesh) की एक अदालत ने भारत (India) विरोधी आतंकवाद के एक और मुजरिम को राहत दी है। जिस आतंकी (Terrorist) को मौत की सज़ा दी गई थी उसे अब रिहा कर दिया गया है। हम बात कर रहे हैं बांग्लादेश के पूर्व डिप्टी शिक्षा मंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की केंद्रीय कार्यकारी समिति के उप-चेयरमैन अब्दुस सलाम पिंटू (Abdus Salam Pintu) को बांग्लादेश की एक अदालत ने जेल से रिहा कर दिया है।
जेल से रिहा पिंटू का फूलमाला से स्वागत करते हुए भारी जलसे के साथ उसके निवास पर ले जाया गया। पिछले 17 सालों से बांग्लादेश की जेल में सजा काट रहा पिंटू पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और बांग्लादेश के आतंकियों को फंड मुहैया कराता था। पिंटू ने भारत के खिलाफ आतंकी हमले करने में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) की मदद की थी। पिंटू को 2004 में प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।
वर्ष 2004 में राजधानी ढाका के बंगबंधु एवेन्यू पर अवामी लीग की रैली में एक ग्रेनेड हमले में 24 लोग मारे गए थे। इस घटना में कम से कम 400 लोग घायल हुए थे। इस घटना को लेकर दर्ज मामले में दोनों पक्षों की दलीलों के बाद न्यायिक अदालत ने 10 अक्टूबर 2018 को पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फोज्जमां बाबर और बीएनपी नेता अब्दुस सलाम पिंटू समेत 19 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके अतिरिक्त बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान सहित 19 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हत्या और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मौत की सजा और आजीवन कारावास पाने वाले सभी आरोपियों को बांग्लादेश की एक अदालत ने बरी कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि न्यायिक अदालत का फैसला अवैध है।
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Updated on:
25 Dec 2024 09:53 am
Published on:
25 Dec 2024 09:52 am
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