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Domestic Violence: दुनिया भर में महिलाओं के लिए उनका घर ही बन गया जान का दुश्मन

Domestic Violence: दुनिया का कोई भी कोना हो, महिलाएं अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के जीवनसाथी ही हर 10 मिनट में ले रहे उसकी जान ले रहे हैं।

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Domestic Violence: महिलाओं के लिए घर ही सबसे सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है, लेकिन वही खतरनाक जगह बनता जा रहा है। घरेलू हिंसा (Domestic violence ) की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट (UN report) के अनुसार, दुनिया भर में पिछले साल 51,100 महिलाओं-लड़कियों की हत्या उनके जीवनसाथी या परिवार के अन्य सदस्यों ने ही की है। जबकि 2022 में मौतों का यह आंकड़ा 48,800 ही था।

ये आंकड़े अनुमान पर आधारित

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन दिवस के मौके पर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में यह साफ कर दिया गया है कि पीड़ित महिलाओं women की संख्याओं में इस वृद्धि को वास्तविक वृद्धि नहीं माना जा सकता, क्योंकि ऐसे देशों की संख्या लगातार घट रही है जो महिलाओं से हिंसा violence का डाटा उपलब्ध कराते हैं। इसलिए ये आंकड़े अनुमान पर आधारित हैं। लेकिन 2023 के आंकड़ों को ही गौर से देखें तो साफ है कि पुरुषों के हाथों जिन 85,000 महिलाओं और लड़कियों की हत्या murder हुई, उनमें से 60 प्रतिशत की हत्या उनके पार्टनर या परिवार के अन्य सदस्यों ने कही की थी। इसका मजलब यह हुआ कि दुनिया भर में औसतन 140 महिलाएं-लड़कियां रोज और हर 10 मिनट में एक महिला अपने जीवनसाथी या किसी करीबी रिश्तेदार के हाथों अपनी जान गंवा रही है।

अफ्रीका में सबसे अधिक 21700 हत्याएं

अपने ही करीबी के हाथों की गई हत्याओं के सबसे अधिक मामले अफ्रीका में थे, जहां यह संख्या 2023 में 21700 रही। जबकि आबादी के सापेक्ष पीड़ितों की संख्या में भी अफीक्रा सबसे आगे रहा। वहीं यूरोप और अमरीका में, क्रमशः 64 से 58 फीसदी महिलाओं की हत्या पार्टनर द्वारा की गई। फ्रांस में तो यह आंकड़ा 79 फीसदी रहा। जबकि अफ्रीका और एशिया में महिलाओं की हत्या में मुख्य रूप से परिवार के सदस्यों की भूमिका रही। यह अंतर इन इलाकों की सांस्कृतिक और सामजिक संरचना के कारण है।

अफ्रीका-अमरीका में महिलाओं की हत्या दर सबसे अधिक (वर्ष 2023)

महाद्वीप प्रतिलाख पर महिला पीड़ितों की संख्या
अफ्रीका 2.9
अमरीका 1.6
ओशेनिया 1.5
एशिया 0.8
यूरोप 0.6
स्रोत- यूएन रिपोर्ट

सिर्फ 37 देशों से जुटाए पिछले साल आंकड़े

जीवनसाथी और परिवार के सदस्यों के द्वारा महिला की हत्या के आंकड़े जुटाना भी एक बड़ा चुनौती बना हुआ है। 2023 में सिर्फ 37 देशों से संबंधित आंकड़े जुटाए हैं, जबकि 2020 में इस प्रकार के आंकड़े जुटाने वाले देशों की संख्या सिर्फ 75 थी। इस तरह परिवार से जुड़े महिलाओं की हत्या के आंकड़ों का संग्रहण लगातार कम हुआ है।

शादी का पुरुषों की उम्र पर सकारात्मक असर, महिलाएं बेअसर

इंटरनेशनल सोशल वर्क की हालिया स्टडी में कहा गया है कि शादी के बाद पुरुषों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, अगर वे शादी-शुदा बने रहते हैं। उनका कोई तलाक या सेपरेशन नहीं होता है। ऐसा होने पर उनकी उम्र पर नकारात्मक असर होता है, लेकिन विवाहित महिलाओं और अविवाहित महिलाओं के बारे में यही बात नहीं कही जा सकती। अविवाहित महिलाओं और विवाहिताओं में उम्र बढ़ने का खास असर नहीं देखा गया है, लेकिन विवाहित महिला में तलाक या सेपरेशन का उम्र पर नकारात्मक असर होता है, उन महिलाओं की तुलना में, जिन्होंने कभी शादी नहीं की।

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