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ट्रंप सरकार की नई सर्जन जनरल ने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड पर उठाए सवाल, कहा -67% बच्चे यही खा रहे, मौत का खतरा 18% तक बढ़ा

डॉ. केसी मीन्स ने कहा कि हर बार अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाने से मौत का खतरा 18% तक बढ़ जाता है। आज बच्चों के खाने का 67% हिस्सा प्रोसेस्ड फूड है। जो रिसर्च स्वतंत्र रूप से की गई, उनमें से 82% ने प्रोसेस्ड फूड को नुकसानदायक बताया। लेकिन जो रिसर्च फूड कंपनियों ने करवाईं, उनमें से 93% में कोई नुकसान नहीं दिखाया गया।

भारतMay 10, 2025 / 05:58 pm

Siddharth Rai

Casey Means

डॉक्टर और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर डॉ. केसी मीन्स

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डॉक्टर और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर डॉ. केसी मीन्स को देश की अगली सर्जन जनरल बनाने की घोषणा की है। वे स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर की करीबी मानी जाती हैं। ट्रंप के इस फैसले के बाद डॉ. मीन्स का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अमेरिका की फूड इंडस्ट्री और हेल्थ सिस्टम से जुड़ी कई गंभीर बातें करती नजर आ रही हैं।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाने से मौत का खतरा 18% तक बढ़ा

वीडियो में डॉ. मीन्स कहती हुई दिख रही है कि हमारी हेल्थ एजेंसियां लोगों का स्वास्थ्य सुधारने के लिए कुछ भी नहीं कर रही हैं। मीन्स ने कहा, ‘मेटाबॉलिक बीमारियों और उनके कारणों को लेकर एजेंसियां चुप हैं। स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल में पढ़ाई के दौरान मुझे यह नहीं सिखाया गया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाने से मौत का खतरा 18% तक बढ़ जाता है। आज बच्चों के खाने का 67% हिस्सा प्रोसेस्ड फूड है।”

82% ने प्रोसेस्ड फूड को नुकसानदायक बताया

मीन्स ने कहा कि, “जो रिसर्च स्वतंत्र रूप से की गई, उनमें से 82% ने प्रोसेस्ड फूड को नुकसानदायक बताया। लेकिन जो रिसर्च फूड कंपनियों ने करवाईं, उनमें से 93% में कोई नुकसान नहीं दिखाया गया। USDA फूड गाइडलाइन्स बनाने वाले 95% लोग फूड इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं, यानी उनके फैसलों में कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट हो सकते हैं।”

भारत में लगभग 38 प्रतिशत भारतीय प्रोसेस्ड फूड खा रहे

अगर इसकी तुलना भारत से की जाये तो ग्लोबल फूड पॉलिसी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, लगभग 38 प्रतिशत भारतीय स्वस्थ भोजन खाने के बजाय जंक और प्रोसेस्ड फूड खा रहे हैं। केवल 28 प्रतिशत लोग ही स्वस्थ भोजन खा रहे हैं और 16.6 प्रतिशत भारतीय आबादी कुपोषण से पीड़ित है।

खाने पर 1 अरब पाउंड से ज्यादा सिंथेटिक कीटनाशकों का इस्तेमाल

मीन्स ने कहा, “हर साल हमारे खाने पर 1 अरब पाउंड से ज्यादा सिंथेटिक कीटनाशकों का इस्तेमाल हो रहा है। 99% अमेरिकी खेतों में ऐसे कीटनाशक डाले जाते हैं, जिनका संबंध ऑटिज़्म, हार्मोन गड़बड़ी, कैंसर, मोटापा और बांझपन जैसी बीमारियों से है। अब तक बनाए गए 8 अरब टन प्लास्टिक हमारे खाने, पानी और हवा में घुल चुके हैं। नई रिसर्च बताती है कि हमारे दिमाग का 0.5% हिस्सा अब प्लास्टिक का हो सकता है।”
डॉ. मीन्स ने कहा, “80,000 से ज्यादा जहरीले रसायन हमारे वातावरण में मौजूद हैं, जो हमारे जीन, पेट के बैक्टीरिया और हार्मोन को प्रभावित करते हैं। इनमें से कई यूरोप में बैन हैं। एलुमिनियम और सीसा जैसे भारी धातु हमारे खाने, बच्चों के फॉर्मूले और दवाओं में भी पाए जाते हैं। ये मस्तिष्क के लिए बेहद हानिकारक हैं।”
उन्होंने कहा, “औसत अमेरिकी दिन में सिर्फ 3,500 कदम चलता है, जबकि 7,000 कदम चलने से कई बीमारियों का खतरा 40-60% तक घट सकता है। अमेरिका में डॉक्टरी गलतियां और दवाइयों से मौत, तीसरी सबसे बड़ी मौत की वजह हैं। सिर्फ 5 दिन की खराब नींद भी किसी व्यक्ति को प्री-डायबिटिक बना सकती है।”

हम आजकल औसतन 100 साल पहले से 20% कम नींद ले रहे हैं

डॉ. मीन्स ने कहा, “मुझे कभी नहीं सिखाया गया कि हम आजकल औसतन 100 साल पहले से 20% कम नींद ले रहे हैं। अमेरिकी बच्चे अब जेल के कैदियों से भी कम समय बाहर बिताते हैं, और वयस्क लोग औसतन अपना 93% समय घर के अंदर बिताते हैं। हम जानते हैं कि सूरज की रोशनी से अलगाव हमारी सर्केडियन बायोलॉजी को नुकसान पहुंचाता है, और यह हमारी सेलुलर बायोलॉजी को नियंत्रित करती है।”
डॉ. मीन्स ने आगे कहा, “पेशेवर संगठनों जैसे अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने कोक, कैडबरी, प्रोसेस्ड फूड कंपनियों और वैक्सीनेशन निर्माताओं से करोड़ों डॉलर लिए हैं।” डॉ. मीन्स ने कहा, “अगर हम मेटाबॉलिक गड़बड़ी के मूल कारणों को समझें और लोगों को उनके आहार और जीवनशैली में सुधार करने में मदद करें, तो हम अमेरिका में बीमारियों की लंबी बीमारी के संकट को पलट सकते हैं, लाखों जानें बचा सकते हैं, और हर साल स्वास्थ्य देखभाल लागतों में खरबों डॉलर बचा सकते हैं। इसके बजाय, डॉक्टर यह सीख रहे हैं कि शरीर सौ से अधिक अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है, और हम केवल यह सीख रहे हैं कि दवाइयां कैसे दें, ऑपरेशन कैसे करें, और बिलिंग कैसे करें।”
उन्होंने वीडियो में आगे कहा, “हम जो संकट झेल रहे हैं, वह सिर्फ शारीरिक संकट नहीं है, यह एक आध्यात्मिक संकट है। हम जीवन के बजाय मृत्यु का चयन कर रहे हैं। हम ग्रह और लोगों के बीच गहरे संबंध को नकार रहे हैं। हम गलत तरीके से मान रहे हैं कि हम प्रकृति से अलग हैं और हम उसे ज़हर देते हुए उसे मात दे सकते हैं।”
मीन्स ने कहा, “हमारा रास्ता बाहर निकलने का, जीवन के चमत्कारी पहलू और प्रकृति के प्रति सम्मान को फिर से जागृत करने में निहित है। हम स्मार्ट नीतियों और साहसी नेतृत्व के साथ अमेरिकियों को स्वास्थ्य बहाल कर सकते हैं। हमें साहस और सहजता की ओर एक वापसी की आवश्यकता है। हमें अपने जीवन के अद्वितीय चमत्कारीपन के प्रति एक पुनः विस्मय की आवश्यकता है।” डॉ. मीन्स ने सबको एक साथ आने का आह्वान किया और कहा, “हमें सभी का साथ चाहिए।”

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