ब्रिटेन, कनाडा, जापान सहित ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) के अन्य सदस्य देश भी ऐसी संसदीय प्रणाली (Parliamentary system) का हिस्सा हैं, जहां चुनाव के बाद संसद सरकार के मुखिया का चुनाव करती है। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक करीब 20 ओईसीडी देशों में आम चुनाव के बाद सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया औसतन 33 दिनों में पूरी कर ली जाती है, जो अमरीका के मुकाबले आधे से भी कम समय है। नई सरकार के गठन में इस लंबी और उबाऊ प्रक्रिया का हश्र भी अच्छा नहीं रहा। दो दशक के बीच ऐसे मामलों पर गौर करें तो 2010 में कंजर्वेटिव पार्टी के डेविड कैमरन ने लेबर पार्टी के गॉर्डन ब्राउन से सत्ता हासिल की थी। इनमें एक ही पार्टी के नेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा को छोड़ दीजिए, क्योंकि ऐसे मामलों में सत्ता के दुरुपयोग की संभावना कम होती है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर आप भी आशंकित हैं, तो इन बातों को जान लीजिए 16 महीने बिना सरकार रहा बेल्जियमबहुमत नहीं होने से भी सरकार के गठन में विलंब होता है। 2010 में ब्रिटेन के चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, जिससे चलते त्रिशंकु संसद बनी। लेकिन जल्द ही कंजरवेटिव्ज का लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी से समझौता हुआ और पांच दिन के भीतर कैमरन ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली। लेकिन कई बार गतिरोध के चलते इंतजार लंबा खिंच जाता है। जैसे बेल्जियम में 2019 के चुनाव में बहुमत नहीं मिलने के बाद दलों में सहमति नहीं बनी और करीब 16 माह तक बिना सरकार ही देश चला। लेकिन ट्रंप जैसे शासक के चलते इतना लंबा फासला जोखिम भरा हो सकता है। क्योंकि यह निवर्तमान प्रशासन को आने वाली सरकार के लिए कई तरह के अप्रिय बदलावों का मौका देता है।