
Mikhail Marov
रूस ने 11 अगस्त को अपने ऐतिहासिक मून मिशन लूना-ग्लोब (Luna-Glob) को लॉन्च किया। इस मून मिशन के तहत लूना-25 (Luna-25) लैंडर को लॉन्च किया गया जिसके लिए सोयुज 2.1बी (Soyuz 2.1b) रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था। रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) पिछले काफी समय से इस मिशन की तैयारी में जुटी हुई थी और इसकी कामयाबी के लिए उन्हें काफी उम्मीदें भी थी। हालांकि जैसा रूस चाहता था वैसा हुआ नहीं और उनका यह मून मिशन फेल हो गया। 20 अगस्त को लूना-25 के चांद की सतह पर क्रैश होते ही रूस का लूना-ग्लोब मून मिशन भी फेल हो गया। इससे रूस में निराशा का माहौल है। पर इस मून मिशन के फेल होने का सबसे ज़्यादा असर रूस की स्पेस एजेंसी के मुख्य वैज्ञानिक मिखाइल मारोव (Mikhail Marov) पर पड़ा है।
सदमे में मारोव
जानकारी के अनुसार मारोव को रूस के मून मिशन लूना-ग्लोब की कामयाबी की पूरी उम्मीद थी। ऐसे में लूना-25 के चांद पर क्रैश होने और उनके मून मिशन के फेल होने से मारोव को सदमा लगा है।
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अस्पताल में कराया भर्ती
लूना-25 के चांद पर क्रैश होने और लूना-ग्लोब मून मिशन के फेल होने की वजह से मारोव के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार इस वजह से मारोव की तबीयत बिगड़ गई है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में मारोव ने पत्रकारों से बातचीत की और बताया कि यह उसके लिए काफी कठिन समय है। मारोव के अनुसार लूना-ग्लोब मून मिशन उसके जीवन का सबसे बड़ा मिशन था और साथ ही चांद पर रूस को पहुंचते देखने की आखिरी उम्मीद भी। ऐसे में इस मून मिशन के फेल होने से मारोव काफी दुःखी है।
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Published on:
22 Aug 2023 02:59 pm
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