
Tourism in Saudi Arabia
Tourism: इस देश में लोग खूब सैर सपाटा और खरीदारी कर रहे हैं। पवित्र मक्का मदीना की तीर्थ यात्रा हज करने के बाद बड़ी संख्या में हाजी मदीना में मौजूद हैं, जहां वे इस शहर के कई इस्लामी ऐतिहासिक पर्यटन स्थानों की खूब सैर कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, मदीना में हाजी कुबा मस्जिद, क़िबलातैन मस्जिद, जंग खंडाक और गाजा उहुद का दौरा करने के अलावा, अपना अधिकतर समय पैगंबर हजरत मोहम्मद की मस्जिद में बिता रहे हैं। वे पर्यटन स्थलों की खूबसूरती और स्थापत्य कला देख कर अभिभूत हो रहे हैं।
पर्यटक और हज यात्री आमतौर पर मस्जिद नबवी अल-शरीफ में सुबह फज्र की नमाज अदा करने के बाद शहर के विभिन्न स्थानों पर जाने के लिए निकलते हैं। शहर की व्यवस्थाओं के बारे में हज यात्रियों ने कहा कि बेहतरीन व्यवस्था के कारण उन्हें कोई परेशानी नहीं होती।
मस्जिदे क़ुबा में दो रकात नफ़्ल नमाज अदा करने के बाद, हाजी मस्जिद क़िबलातैन जाते हैं, जबकि मस्जिदे क़ुबा के पास मस्जिद जुमा भी है, जहां मदीना में प्रवास के बाद पहली शुक्रवार की नमाज अदा की गई थी, इसलिए इसका नाम मस्जिदे जुमा पड़ा। मस्जिदे नबवी अल-शरीफ़ से मस्जिद क़ुबा तक जाने के लिए जो सड़क बनाई गई है वह बहुत खूबसूरत है।
पैदल पथ के दोनों किनारों पर, खूबसूरत और छोटी दुकानें हैं जो खाद्य पदार्थों के अलावा स्मृति चिन्ह भी बेचती हैं, जबकि खजूर की भी बहुत सारी दुकानें हैं जहां से हज यात्री वापस जाते समय अपने प्रियजनों को उपहार के रूप में देने के लिए स्मृति चिन्ह और खजूर खरीदते हैं।
'उहुद के शहीदों' के स्थल पर विभिन्न समय पर बड़ी संख्या में हज यात्री मौजूद होते हैं, जहां वे उहुद पहाड़ी के पास उस टीले की तस्वीरें भी लेते हैं जहां पैगंबर हजरम मोहम्मद ने गाजा में सहाबा के दस्ते के तीरंदाजों को तैनात किया था। ध्यान रहे कि पैगंबर हजरत मोहम्मद के साथ रहने वाले लोगों को सहाबा कहते हैं।
हाजी खाई वाली जगह पर स्मारक चित्र बनाते हुए भी दिखाई दे रहे हैं, इसके अलावा वे पैगंबर हजरत मोहम्मद की मस्जिद के आसपास बने बाजारों में भी खरीदारी करने में व्यस्त हैं। गौरतलब है कि सऊदी अरब में 2021 में कुल 3.48 मिलियन पर्यटक आए, जो निरपेक्ष रूप से दुनिया में 25वें स्थान पर है।
हज और उमराह दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा की जाने वाली धार्मिक तीर्थयात्राएँ हैं। हज मक्का की एक वार्षिक छह दिवसीय तीर्थयात्रा है, जो हर साल दो मिलियन से अधिक मुसलमानों द्वारा की जाती है। इस्लाम के अनुसार हर आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम मुसलमान को अपने जीवनकाल में एक बार यह यात्रा अवश्य करनी चाहिए। उमराह मक्का की एक छोटी तीर्थयात्रा है जिसे साल के किसी भी समय किया जा सकता है; 2019 में 19.1 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों ने हज पूरा किया।
हज और उमराह तीर्थयात्रा सदियों से होती आ रही है, जिसमें पहली उमराह तीर्थयात्रा 629 ई. में हुई थी। इस्लामी विद्वानों ने कहा है कि पहला हज पैगम्बर मुहम्मद (उन पर शांति हो) ने 632 ई. में अपनी मृत्यु के वर्ष में स्वयं किया था। हज आज दुनिया का सबसे बड़ा एकल वार्षिक मानव समागम है, जिसमें लगभग 2.5 मिलियन तीर्थयात्री एक साथ मक्का आते हैं, जो हर साल एक सप्ताह की अवधि में होता है। 1946 से पहले, लगभग 60,000 तीर्थयात्री सालाना मक्का जाते थे, यह इ वर्षों में वार्षिक तीर्थयात्रियों में 500 गुना वृद्धि है, मगर विजन 2030 का लक्ष्य प्रति वर्ष 30 मिलियन तीर्थयात्रियों का है।
हज और उमराह मंत्रालय तीर्थयात्रा से जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है, जो इस क्षेत्र का समर्थन करने के लिए 30 से अधिक सरकारी संस्थाओं के साथ समन्वय करता है, जिसमें 350,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं। 2020 और 2021 में, मंत्रालय ने COVID-19 महामारी से जुड़ी स्वास्थ्य और सुरक्षा चिंताओं के कारण गैर-घरेलू मुसलमानों के लिए हज यात्रा रद्द कर दी थी। यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक बड़ी निराशा साबित हुई और इसका सऊदी अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ा। 2016 में सऊदी अरब के सकल घरेलू उत्पाद में 3% पर्यटन योगदान में धार्मिक पर्यटन का बड़ा योगदान था।
सऊदी अरब में पर्यटन के आंकड़े।
सन 2019 में, सऊदी अरब के विज़न 2030 के तहत दोयोफ़ अल रहमान विज़न रियलाइज़ेशन प्रोग्राम (DARP) लॉन्च किया गया था, ताकि हवाई अड्डे के आगमन से लेकर सीमा शुल्क, होटल में ठहरने और परिवहन और रसद तक एक सहज और यादगार तीर्थयात्री अनुभव कार्यक्रम बनाया जा सके। कार्यक्रम का लक्ष्य राज्य में आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए एक विशिष्ट अनुभव को उन्नत और प्रदान करना है, जिससे किसी भी अनावश्यक परेशानी को दूर किया जा सके ताकि वे अपनी व्यक्तिगत आध्यात्मिक यात्राओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इसमें ई-वीज़ा प्रक्रिया के साथ-साथ पर्याप्त परिवहन और रसद के साथ राज्य में एक सहज आगमन की सुविधा शामिल है, जिसमें आवास और तीर्थयात्रियों की दो पवित्र मस्जिदों और पवित्र स्थलों तक की यात्रा शामिल है।
Updated on:
30 Jun 2024 04:15 pm
Published on:
30 Jun 2024 04:13 pm
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