
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट 2024 (प्रतीकात्मक तस्वीर)
दुनिया भर में 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में पिछले दस सालों में भ्रष्टाचार का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह संगठन हर साल दुनियाभर के देशों की भ्रष्टाचार रिपोर्ट जारी करता है। इस रिपोर्ट में जहां डेनमार्क और फिनलैंड पिछले कई सालों से भ्रष्टाचार मुक्त देशों की लिस्ट में टॉप पर रहे हैं। वहीं भारत का नंबर पिछले दस सालों से गिरता जा रहा है। भारत 2015 में जहां 76 नंबर पर था वहीं 2024 में यह 20 रैंक गिर कर 96 नंबर पर आ गई है। भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के भी कुछ ऐसे ही हाल हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में भी पिछले दस सालों में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ा है। लेकिन वहीं चीन की बात की जाए, तो यहां दस सालों में स्थिति में सुधार देखने को मिला है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल 2024 की रिपोर्ट अनुसार, भारत 180 देशों में भ्रष्टाचार के मामले में 96वें नंबर पर आता है। इस रिपोर्ट के पिछले दस साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 2015 में भारत 76वें नंबर पर, 2016 में 79वें नंबर पर, 2017 में 81वें नंबर पर था। 2018 में भारत की रैंकिंग में कुछ सुधार आया था और यह 81 से 78 नंबर पर आ गया था लेकिन 2019 में फिर से यह 80वें नंबर और फिर 2020 में 86वें नंबर पर आ गया। पिछले पांच सालों की बात की जाए तो 2021 और 2022 में देश 85वीं रैंक पर रहा जबकि 2023 में इस रैंकिंग में भारी गिरावट आई और भारत 93 नंबर पर आ गया। इसके बाद 2024 में इसमें और तीन रैंक की गिरावट हुई और भारत 96वें नंबर पर पहुंच गया।
पड़ोसी देश पाकिस्तान का भी हाल भारत से कुछ अलग नहीं है। इस रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार यहां भी 2015 से 2024 तक भ्रष्टाचार का स्तर बढ़ा ही है। 2015 में जहां पाकिस्तान इस रिपोर्ट में 117वीं रैंक पर था, वहीं 2024 में यह गिर कर 135वें नंबर पर आ गया। इस दौरान के सालों की बात की जाए तो 2015 के बाद 2016 में पाकिस्तान की रैंकिंग में एक नंबर का सुधार आया और वह 117 से 116वें नंबर पर आया। लेकिन इसके बाद 2017 और 2018 में पाकिस्तान फिर 117 वें नंबर पर रहा। इसके बाद 2019 में 120, और 2020 में 124 नंबर पर रहा। लेकिन 2021 में इसकी रैंकिंग में भारी गिरावट आई और यह लुढ़क कर 140 वें नंबर पर पहुंच गया। 2022 में यह 140 वीं रैंक पर बरकरार रहा और 2023 में इसकी रैंक में सुधार हुआ और यह 133 नंबर पर पहुंचा।
भारत और पाकिस्तान से विपरीत इस रिपोर्ट में चीन की रैंकिंग में पिछले 10 सालों में काफी सुधार देखने को मिला है। चीन 2015 में जहां 83वें नंबर पर था वहीं 2024 में यह 76 पर पहुंच गया। इस बीच चीन की रैंकिंग में कई उतार-चढ़ाव भी आए। 2016 में चीन 79 नंबर पर रहा, 2017 में 77 नंबर और 2018 में फिर से इसकी रैंकिंग बढ़ कर 87 नंबर पर पहुंच गई। 2019 में इसकी रैंकिंग में फिर सुधार आया और ये 80वें नंबर पर आ गया। 2020 में इसकी रैंकिंग गिरकर 78 और 2021 में 66 पहुंच गई। 2022 में भी इसकी रैंकिंग कम होकर 65 रही लेकिन रिपोर्ट के अनुसार 2023 में एक बार फिर चीन में भ्रष्टाचार बढ़ा और इसकी रैंकिंग 76 पहुंच गई, जो कि 2024 में भी बरकरार रही। इससे यह साफ होता है कि पिछले 10 सालों में भारत और पाकिस्तान में जहां भ्रष्टाचार बढ़ा है वहीं चीन ने भ्रष्टाचार पर काफी नियंत्रण पाया है।
Published on:
09 Dec 2025 01:45 pm
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