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Trump Vs Musk: मस्क अपना दिमागी संतुलन खो चुके हैं… बातचीत का कहने पर आखिर ऐसा क्यों बोले ट्रंप

Donald Trump on Elon Musk: अमेरिकी राष्ट्रपति से मस्क से बातचीत का पूछने पर "बेचारा" बताकर तीखा हमला बोला।

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Jun 07, 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क के बीच गुरुवार से शुरू हुआ विवाद अब तीखी नोकझोंक और गाली-गलौज तक पहुंच गया है। शुरुआती सुलह की कोशिशों के बावजूद, ट्रंप के ताजा बयानों ने किसी भी समझौते की संभावनाओं पर पानी फेर दिया है। ट्रंप ने साफ कहा कि वह मस्क से बात करने में रुचि नहीं रखते और मस्क (Elon Musk) को "दिमागी संतुलन खो चुका" और "बेचारा" बताकर तीखा हमला बोला। दूसरी ओर, मस्क ने भी ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, खासकर जेफरी एपस्टीन फाइल्स को लेकर, जिसमें उन्होंने ट्रंप के शामिल होने का दावा किया। इस विवाद ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है, और दोनों के बीच टकराव अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों तक को प्रभावित कर सकता है।

क्या है विवाद?

2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ने ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था, जिसमें उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए प्रचार किया और 300 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए। ट्रंप ने मस्क को DOGE (डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी) का प्रमुख नियुक्त किया था, जिसका उद्देश्य सरकारी खर्च में कटौती करना था। हालांकि, ट्रंप के महत्वाकांक्षी "One Big, Beautiful Bill" और सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स को रद्द करने की धमकी से दोनों के रिश्ते बिगड़ गए। मस्क ने मई 2025 में DOGE से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद यह विवाद और गहरा गया।

एपस्टीन फाइल्स का मुद्दा

विवाद तब और तीखा हो गया जब मस्क ने जेफरी एपस्टीन फाइल्स (बच्चों के यौन शोषण से जुड़े दस्तावेज) को सार्वजनिक करने की मांग की और दावा किया कि ट्रंप प्रशासन इन फाइल्स को जारी करने में देरी कर रहा है क्योंकि उनमें ट्रंप का नाम शामिल है। मस्क ने X पर लिखा, "सच्चाई सामने आएगी।" इस बयान ने ट्रंप को भड़का दिया, और उन्होंने मस्क पर व्यक्तिगत हमले तेज कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टिप्पणी ने सुलह की संभावनाओं को लगभग खत्म कर दिया।

मस्क ट्रंप को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं?

मस्क के पास कई तरीके हैं जिनसे वह ट्रंप प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं:

वित्तीय शक्ति का इस्तेमाल: दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति के रूप में, मस्क केwrites: मस्क रिपब्लिकन पार्टी के खिलाफ अभियान को फंड कर सकते हैं। उन्होंने पहले ही ट्रंप के लिए 300 मिलियन डॉलर खर्च किए थे, लेकिन अब वह ट्रंप के वादे किए 100 मिलियन डॉलर के फंड को रोक सकते हैं।

सोशल मीडिया की ताकत: मस्क की कंपनी X एक शक्तिशाली मंच है। गुरुवार को मस्क ने X पर एक पोल पोस्ट किया, जिसमें पूछा गया कि क्या अमेरिका में नई राजनीतिक पार्टी की जरूरत है। 10 लाख से अधिक उत्तरदाताओं में 80% ने हां में वोट दिया, जिससे मस्क की ट्रंप के खिलाफ सोशल मीडिया प्रभाव की झलक मिलती है।

अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग: महीनों तक ट्रंप के करीबी रहने के बाद, मस्क दावा कर सकते हैं कि उनके पास ट्रंप प्रशासन की संवेदनशील जानकारी है, जिसका इस्तेमाल वह ट्रंप को विवाद में घसीटने के लिए कर सकते हैं। एपस्टीन फाइल्स को लेकर उनका हालिया दावा इसका उदाहरण है।

स्पेसएक्स का उपयोग: मस्क ने घोषणा की है कि वह स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान को तत्काल बंद कर देंगे, जो नासा के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक अंतरिक्ष यात्रियों और आपूर्ति पहुंचाता है। यह नासा और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि ड्रैगन अमेरिका का एकमात्र ऐसा यान है। इस कदम से रूस का सोयुज यान एकमात्र विकल्प बच सकता है, जिससे वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग पर असर पड़ सकता है।

ट्रंप का जवाब और बैनन की सलाह

ट्रंप के सहयोगी और मस्क के आलोचक स्टीव बैनन ने सुझाव दिया है कि ट्रंप डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट के तहत कार्यकारी आदेश जारी कर स्पेसएक्स को जब्त कर लें। यह कोरियाई युद्ध काल का कानून है, जो राष्ट्रपति को निजी कंपनियों पर नियंत्रण का अधिकार देता है। हालांकि, ट्रंप ने अभी तक इस सुझाव पर कोई कदम नहीं उठाया है।

नासा और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

मस्क के ड्रैगन यान को बंद करने के ऐलान से नासा के ISS मिशनों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, नासा ने भरोसा दिलाया है कि 10 जून 2025 को भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का एक्सिओम-4 मिशन इस विवाद से प्रभावित नहीं होगा। फिर भी, यह विवाद अंतरिक्ष विज्ञान और राजनीति के बीच गहराते टकराव को दर्शाता है।

भविष्य की संभावनाएं

मस्क और ट्रंप के बीच यह विवाद अब व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों स्तर पर गहरा गया है। मस्क की वित्तीय, तकनीकी और सोशल मीडिया ताकत उन्हें ट्रंप के लिए एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनाती है। दूसरी ओर, ट्रंप के कार्यकारी आदेशों और सरकारी शक्तियों का उपयोग मस्क की कंपनियों को निशाना बना सकता है। इस टकराव का असर न केवल अमेरिकी राजनीति, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष कार्यक्रमों और भारत जैसे देशों के अंतरिक्ष सहयोग पर भी पड़ सकता है। सभी की नजरें इस बात पर हैं कि यह विवाद आगे कैसे आकार लेता है।

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