
डोनाल्ड ट्रंप और हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के विवाद में कनाडा और ब्राजील भी शामिल हो गए हैं।(इंस्टाग्राम की मदद से फोटो: डिजाइन पत्रिका )
Trump-Harvard controversy: कनाडा के प्रधानमंत्री की बेटी और बेल्जियम की राजकुमारी ट्रंप-हॉर्वर्ड विवाद (Trump-Harvard controversy) में उलझ गए हैं। इन छात्रों में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की बेटी क्लियो कार्नी (cleo carney) भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में हॉर्वर्ड में अपना पहला साल पूरा किया है। वे संसाधन दक्षता कार्यक्रम में स्नातक की छात्रा हैं। एक और हाई-प्रोफाइल छात्रा बेल्जियम की राजकुमारी एलिज़ाबेथ (princess elizabeth) भी इससे प्रभावित हुई हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को अमेरिकी प्रशासन पर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की अपनी पात्रता रद्द करने के फैसले के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के बीच लड़ाई और आगे ले गया है। मुकदमे में, हार्वर्ड ने कहा है कि सरकार की कार्रवाई पहले संशोधन का उल्लंघन है। एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार इस कदम का उसके 7,000 अंतरराष्ट्रीय वीजा धारकों पर "तत्काल और विनाशकारी प्रभाव" पड़ेगा।
इसके बाद, एक अमेरिकी न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन को हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की क्षमता रद्द करने से रोक दिया, और अदालत की ओर से एक अस्थायी निरोधक आदेश दिया गया था। मुश्किल यह है कि अगर ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई जारी रहती है, तो आइवी लीग विश्वविद्यालय 2 वर्षों तक विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगा और यहां तक कि मौजूदा छात्रों को अपना छात्र वीजा बरकरार रखने के लिए अन्य अमेरिकी कॉलेजों में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर कर सकेगा।
कैनेडियन प्रेस के अनुसार 2022 के आंकड़ों के मुताबिक हॉर्वर्ड में 686 कनाडाई छात्र नामांकित थे। इन छात्रों में क्लियो कार्नी भी शामिल हैं, जो कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की बेटी हैं, जिन्होंने हार्वर्ड में अपना पहला वर्ष पूरा किया है। वह संसाधन दक्षता कार्यक्रम में स्नातक की छात्रा हैं। हाई-प्रोफाइल छात्रा बेल्जियम की राजकुमारी एलिज़ाबेथ (princess elizabeth)ने हार्वर्ड केनेडी स्कूल में सार्वजनिक नीति में दो वर्षीय मास्टर कार्यक्रम में अपना पहला वर्ष पूरा किया है। वर्तमान में वे बेल्जियम में हैं। रॉयल पैलेस के अनुसार वे इस बारे में स्पष्टीकरण का इंतजार कर रही हैं कि क्या वे दूसरे वर्ष के लिए वापस आ सकती हैं।
राजमहल के संचार प्रमुख ज़ेवियर बार्ट ने कहा,"हम स्थिति की जांच कर रहे हैं, यह देखने के लिए कि इस निर्णय का राजकुमारी पर किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है या नहीं। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। इधर हॉर्वर्ड ने ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई की "अवैध" के रूप में निंदा की है और कहा है कि वह "हमारे समुदाय के सदस्यों को मार्गदर्शन और सहायता देने के लिए तेजी से काम कर रहा है।"
विश्वविद्यालय ने कहा, "सरकार ने हॉर्वर्ड के एक चौथाई छात्रों को कलम के एक झटके से खत्म करने की कोशिश की है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं और जो विश्वविद्यालय और इसके मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।" वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की स्कूल की पात्रता रद्द करने ट्रंप प्रशासन के फैसले के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि यह प्रथम संशोधन का उल्लंघन है। एक न्यायाधीश ने इस कदम को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिससे 7,000 वीजा धारकों को खतरा है।
DHS की सहायक सचिव ट्रिशिया मैक्लॉघलिन ने कहा कि विदेशी छात्रों को दाखिला देना विश्वविद्यालयों का अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है, और ट्रंप प्रशासन छात्र वीज़ा प्रणाली में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उच्च अदालत इस मामले में प्रशासन का पक्ष लेकर इसे सही ठहराएगी।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन की जांच तब शुरू हुई,जब डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद उन्होंने एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें कॉलेज कैम्पसों पर बढ़ते यहूनी विरोध (एंटीसेमिटिज़्म) के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए कहा गया। इस आदेश के तहत एक टास्क फोर्स बनाई गई, जिसका उद्देश्य कॉलेजों और स्कूलों में यहूनी विरोध को खत्म करना था। ट्रंप प्रशासन ने मार्च में घोषणा की थी कि उसकी एंटीसेमिटिज़्म टास्क फोर्स 255 मिलियन डॉलर से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट्स और 8.7 बिलियन डॉलर के बहुवर्षीय अनुदान की समीक्षा करेगी, जो हार्वर्ड और उसके सहयोगियों को मिले हैं।
गौरतलब है कि हॉर्वर्ड और प्रशासन के बीच 14 अप्रैल को टकराव तेज हो गया, जब प्रशासन ने 2.2 बिलियन डॉलर की संघीय फंडिंग फ्रीज कर दी। यह तब हुआ जब हार्वर्ड ने प्रवेश और संचालन की परिपाटी में बदलाव करने के लिए दबाव अस्वीकार कर दिया। (वॉशिंग्टन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)
Updated on:
13 Oct 2025 02:35 pm
Published on:
24 May 2025 06:16 pm
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