अमरीका के ट्रेड प्रतिनिधि ऑफिस ने एक ड्राफ्ट लेटर जारी किया है, इसमें उन देशों पर निशाना साधा गया है, जिनके साथ व्यापार समझौतों को लेकर कई बैठकें और दस्तावेजों का लेनदेन को लेकर सक्रिय रूप से चर्चाएं जारी है। यूरोपीय संघ, जापान, वियतनाम और भारत के साथ अमरीका व्यापार समझौते को लेकर चर्चा कर रहा है।
रिपोट्र्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन अपने तय समयसीमा के भीतर दुनिया के देशों के साथ व्यापार समझौतों को पूरा करने के लिए जल्दबाजी में नजर आ रहा है। व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट समेत कई अन्य अधिकारियों की ओर से लगातार मिल रहे आश्वासन के बावजूद अमरीका अब तक केवल ब्रिटेन के साथ समझौता करने में सफलता हुआ है चीन के साथ उसका खेल बिगड़ता नजर आ रहा है। ट्रंप टैरिफ अमरीका पर ही उल्टा पड़ा है। देश में महंगाई बढऩे के साथ आर्थिक मंदी और जीडीपी ग्रोथ रेट घटने की आशंका है, जिससे ट्रंप जल्द से जल्द ट्रेड डील के लिए उतावले हो रहे हैं।
भारत को बेहतर डील मिलने के संकेत
अमरीका के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि भारत और अमरीका के बीच व्यापार समझौता ज्यादा दूर नहीं है। दोनों देश अब इस स्टेज पर आ चुके हैं, जो दोनों के हित में है। लटनिक ने संकेत दिया कि भारत को बेहतर शर्तें मिल सकती हैं क्योंकि वह शुरुआती समझौतों में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा, जो देश पहले आते हैं, उन्हें बेहतर डील मिलती है। यही तरीका है। जो देश 4 जुलाई से 9 जुलाई के बीच आएंगे, वहां बस भीड़ होगी। लटनिक ने कहा कि ट्रंप प्रशासन का लक्ष्य भारत से व्यापक रियायतें हासिल करना नहीं है, बल्कि भारत के बाजारों तक उचित पहुंच तलाशना है। उन्होंने कहा, ट्रंप यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि वह भारत का ध्यान रखें, जिसकी वह गहराई से प्रशंसा और सम्मान करते हैं।
जिनपिंग से वार्ता करेंगें ट्रंप
ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस हफ्ते बातचीत होने जा रही है। यह बातचीत फोन कॉल के जरिए हो सकती है। इसकी जानकारी व्हाइट हाउस ने दी। यह बातचीत ऐसे समय पर होगी, जब ट्रंप ने चीन पर टैरिफ कम करने की डील तोडऩे का आरोप लगाया है।